Jaunpur: भारतीय संस्कृति से दुनिया के लोग काफी प्रभावित हो जाते है। इसी वजह से कभी शादी तो कभी पूजा-अर्चना के लिए विदेशों से आते है। इतना ही नहीं कुछ प्रेमी जोड़े तो ऐसे भी है कि भारत घूमने आए और उनको यहां की संस्कृति इतनी ज्यादा पसंद आई कि भारतीय पंरपरा के अनुसार शादी करने के बाद अपने देश वापस जाते है। ऐसी ही कहानी एक मुस्लिम अमेरिकी कपल की है, जो भारत घूमने आए और हिंदू रीति-रिवाज से शादी रचाई। दरअसल मुस्लिम कपल ने जौनपुर के ऐतिहासिक त्रिलोचन महादेव मंदिर में हिंदू परंपरा से शादी रचाई और अग्नि को साक्षी मानकर मंत्र उच्चारण के साथ सात फेरे भी लिए।
18 साल से रिलेशन में
अमेरिकी कपल ने सात जन्म तक साथ निभाने का वचन एक दूसरे को दिया। इसके साथ ही मंदिर परिसर में सिंदूर की रस्म भी अदा की गई। जानकारी के अनुसार अमेरिकी मूल के मुस्लिम कियमाह दिन खलीफा अपनी प्रेमिका केशा खलीफा के साथ भारत घूमने आए हुए हैं। दोनों पिछले 18 साल से रिलेशन में है और कियामह पेशे से बिजनेसमैन हैं। इतना ही नहीं पांच सालों से दोनों विश्वनाथ नगरी काशी भी घूमने आते हैं। वहां के घाटों पर घूमने के दौरान उन्हें भारतीय संस्कृति से लगाव हो गया था।
ज्योतिषी से बनवाई कुंडली
वाराणसी घूमने के दौरान उन्होंने अपने गाइड राहुल दुबे से किसी ज्योतिषि से मिलने की इच्छा जाहिर की। गाइड राहुल ने उन्हें गोविंद से मिलवाया। ज्योतिषी गोविंद ने कियमाह और केशा की कुंडली तैयार की। इसके बाद दोनों ने हिंदू परंपरा से शादी करने का फैसला किया। दोनों ने वाराणसी से शादी के लिए शॉपिंग भी की। शादी करने के लिए शनिवार को अपने गाइड के साथ कपल वाराणसी के कैथी मंदिर में विवाह के लिए पहुंचा। लेकिन कैथी में विवाह के आयोजन बन्द थे। गाइड ने उन्हें जौनपुर के ऐतिहासिक त्रिलोचन महादेव मंदिर के बारे में बताया।
वैवाहिक वेशभूषा में नज़र आये
गाइड के साथ मुस्लिम कपल जौनपुर के त्रिलोचन महादेव मंदिर में पहुंच गए। विवाह की परंपरा को संपन्न कराने के लिए गाइड के द्वारा पंडित का इंतजाम किया गया। कियमाह वैवाहिक वेशभूषा के लिए हल्के गुलाबी रंग के कुर्ते और सफेद पैदा में नज़र आये। दुल्हन के जोड़े के लिए केशवा ने केसरिया और लाल बॉर्डर की साड़ी पहनी। हिंदू परंपरा और रीति-रिवाज से दोनों ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। मंदिर परिसर में शादी की रस्म लगभग 2 घंटे तक चली। शादी की रस्म समाप्त होने के बाद केशा ने पैर छूकर पति से आशीर्वाद लिया।
सनातन धर्म से हैं प्रभावित
विवाह के बाद कियमाह और केशा ने बताया कि दोनों सनातन धर्म से प्रभावित हैं। भले ही उनकी पैदाइश मुस्लिम धर्म में हुई है लेकिन भारत आने के बाद यहां की संस्कृति ने उनके दिल में जगह बना ली। इसलिए दोनों ने भारत में ही हिंदू रीति-रिवाज से विवाह करने का फैसला लि