Namami Gange : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल जनवरी में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है, जिसके लिए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। गंगा की सफाई को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
महाकुंभ के दौरान देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे। इसके अलावा, वाराणसी भी एक प्रमुख धार्मिक नगरी है, जहाँ भी लोग बड़ी संख्या में पहुँचते हैं। सीएम योगी के आदेश के बाद गंगा की सफाई के लिए अधिकारियों ने प्रयत्न शुरू कर दिए हैं, लेकिन यह माना जा रहा है कि महाकुंभ से पहले वाराणसी में गंगा की सफाई सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
प्रोफेसर बीडी त्रिपाठी ने अधिकारियों को बताया कि गंगा की सफाई तभी संभव है जब इस दिशा में सही तरीके से काम किया जाए। उन्होंने जानकारी दी कि गंगा में अभी भी 150 एमएलडी अनट्रीटेड सीवेज गिर रहा है। पर्यावरणविद और गंगा पर लंबे समय से काम कर रहे प्रोफेसर बीडी त्रिपाठी ने कहा कि गंगा में अनट्रीटेड या सीवेज जल का गिरना मुख्य रूप से इस कारण है कि एसटीपी तक सीवेज पहुँच नहीं पा रहा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सीवेज लाइन की क्षमता बढ़ाने पर सही तरीके से काम नहीं हुआ है।
प्रोफेसर ने क्या कहा ?
प्रोफेसर त्रिपाठी ने बताया कि 2014 में वाराणसी में 300 एमएलडी सीवेज उत्पन्न होता था, जिसमें से केवल 120 एमएलडी का ट्रीटमेंट हो पाता था। आज 400 एमएलडी से अधिक सीवेज उत्पन्न हो रहा है, और 150 एमएलडी अनट्रीटेड पानी सीधे गंगा में बह रहा है, जबकि 400 एमएलडी से ज्यादा क्षमता वाले सात एसटीपी वाराणसी में कार्यरत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वरुणा पार क्षेत्र में स्थित संदहा एसटीपी तक सीवेज सही ढंग से नहीं पहुंच रहा है, जिस कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है। इसके अलावा, अस्सी से गिरने वाला सीवेज भी गंगा को गंभीर रूप से प्रदूषित कर रहा है।
मुख्य सचिव ने जारी किए आदेश
नमामि गंगे के अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने वाराणसी के नगर विकास विभाग के अधिकारियों को शहर में सीवेज और ड्रेनेज की समस्याओं को सुधारने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि कुंभ के दौरान दुनियाभर से लोग प्रयागराज आएंगे, और बड़ी संख्या में वाराणसी भी पहुंचेंगे, जो एक धार्मिक नगरी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि कुंभ में आने वाले लोग जब वाराणसी आएं, तो उन्हें गंगा नदी पूरी तरह से स्वच्छ मिले, जिससे वे एक सुखद अनुभव प्राप्त करें।
अपर मुख्य सचिव ने सीवरेज कनेक्शन न दिए जाने पर अधिकारियों की खिंचाई की और सभी विभागों से बेहतर तालमेल के साथ काम करने की हिदायत दी। वाराणसी में इस समय सात एसटीपी हैं, जिनकी क्षमता 420 एमएलडी है। इसके अलावा, 80 नालों में ओवरफ्लो की समस्या भी बनी हुई है।