Namo Ghat Sank: वाराणसी में बहुप्रचारित और करोड़ों की लागत से बने नमो घाट का एक हिस्सा बुधवार की शाम अचानक जमीन में धंस गया, जिससे स्थानीय लोगों और दुकानदारों में हड़कंप मच गया। यह घटना घाट के सेकंड फेज में स्थित चाइनीज फूड स्टॉल के पास हुई, जहां जमीन बैठने से अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद ग्राहक और दुकानदार घबराकर वहां से भाग निकले। नगर निगम और वाराणसी स्मार्ट सिटी की टीम तुरंत जांच के लिए पहुंची, लेकिन फिलहाल कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है। इस घटना ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि घाट का निर्माण हाल ही में करोड़ों रुपये की लागत से पूरा हुआ था। नगर आयुक्त ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं और निर्माण कंपनी को तुरंत मरम्मत करने का निर्देश दिया गया है।
करोड़ों की लागत से बना घाट, फिर भी क्यों धंसा?
वाराणसी स्मार्ट सिटी योजना के तहत विकसित किए गए नमो घाट को काशी का सबसे बड़ा घाट माना जा रहा था। इसे करीब 1 किलोमीटर लंबे और 60,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बनाया गया है। घाट के प्रथम चरण के निर्माण में 40 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जबकि दूसरे फेज में 50 करोड़ रुपये की लागत आई थी। इस घाट का लोकार्पण पिछले साल देव दीपावली के अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया था।
पहले चरण में सूर्य नमस्कार की भव्य प्रतिमा, शौचालय, फूड कोर्ट, और प्लाजा का निर्माण किया गया था। दूसरे फेज में विसर्जन कुंड, मल्टीपरपज ग्राउंड, किड्स प्ले एरिया, ओपन थिएटर, वॉटर स्पोर्ट्स रैंप और कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं जोड़ी गईं। इसके बावजूद घाट का एक हिस्सा धंस जाने से लोगों में आक्रोश है और निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।
दुकानदारों ने पहले ही जताई थी चिंता
जिस स्थान पर यह हादसा हुआ, वहां दुकान नंबर 13 का आवंटन हाल ही में 7 फरवरी को किया गया था। वहां चाइनीज फूड स्टॉल खोली गई थी। दुकान के संचालक का कहना है कि उन्होंने पहले ही अधिकारियों को सूचना दी थी कि जमीन धीरे-धीरे धंस रही है, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। बुधवार को अचानक जमीन पूरी तरह बैठ गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई।
स्थानीय लोगों और दुकानदारों का कहना है कि अगर समय रहते अधिकारियों ने कदम उठाया होता, तो यह हादसा टल सकता था। उनका आरोप है कि निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया, जिसके कारण कुछ ही महीनों में घाट का हिस्सा बैठ गया।
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नगर निगम ने दिए जांच के आदेश
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए निर्माण कार्य की जांच कराने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि निर्माण करने वाली कंपनी को तत्काल घाट की मरम्मत करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई, तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने घाट निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि पूरे घाट की गहन जांच हो और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।