Neha Singh Rathore News: लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने हाल ही में दो प्रमुख मुद्दों पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पहला मामला उन्नाव दुष्कर्म कांड के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की सजा निलंबित होने का है, जिस पर नेहा ने इसे “बेटियों का मनोबल तोड़ने वाला” कदम बताया। उन्होंने भाजपा के ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ नारे पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक दोष सिद्ध अपराधी को राहत मिलना चिंताजनक है। दूसरा मुद्दा जगद्गुरु रामभद्राचार्य का हिंदुओं को 3-4 बच्चे पैदा करने की सलाह देना है। इस पर पलटवार करते हुए नेहा ने बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी का हवाला दिया। उन्होंने तर्क दिया कि आज के दौर में बच्चों को केवल जन्म देना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन्हें बेहतर शिक्षा और सुविधाएं देना अनिवार्य है, जो सीमित आय में संभव नहीं है।
प्रमुख विवाद और Neha Singh Rathore के तर्क
Neha Singh Rathore ने इन समसामयिक मुद्दों पर सरकार और धार्मिक गुरुओं को आईना दिखाने की कोशिश की है:
1. कुलदीप सिंह सेंगर की सजा पर आक्रोश
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न्याय पर सवाल: नेहा ने कहा कि जब सिस्टम एक अपराधी की सजा निलंबित करता है, तो यह पीड़ित परिवार के साथ अन्याय है।
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दोहरा मापदंड: उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ सरकार महिला सुरक्षा की बात करती है, दूसरी तरफ ऐसे फैसलों से अपराधियों के हौसले बुलंद होते हैं।
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संघर्ष की घोषणा: उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ सैकड़ों एफआईआर दर्ज हैं, लेकिन वे सिस्टम के खिलाफ आवाज उठाना बंद नहीं करेंगी।
2. रामभद्राचार्य के बयान पर आर्थिक तर्क
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महंगाई की मार: नेहा ने कहा कि 15-20 हजार की नौकरी वाले व्यक्ति के लिए 3-4 बच्चों का पालन-पोषण नामुमकिन है।
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शिक्षा और भविष्य: उन्होंने जोर दिया कि जनसंख्या बढ़ाने के बजाय बच्चों को गुणवत्तापूर्ण जीवन और शिक्षा देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
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छोटा परिवार, सुखी परिवार: उन्होंने पुराने नारे को दोहराते हुए कहा कि वर्तमान आर्थिक हालातों में यही मंत्र सबसे सटीक है।
विपक्ष की भूमिका
कांग्रेस ने भी इस मामले में पीड़िता का साथ देने का वादा किया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि वे पीड़िता की सुरक्षा और न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे।
