Noida Transfer Dispute: उत्तर प्रदेश के राज्य कर विभाग से एक चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया है। नोएडा में तैनात अपर आयुक्त राज्य कर संदीप भागिया पर कई अधिकारियों ने शोषण और उत्पीड़न का आरोप लगाया था। छह अधिकारियों ने इस संबंध में आयुक्त राज्य कर को पत्र लिखकर मोर्चा भी खोला और जांच कमेटी पर सवाल उठाए थे। लेकिन इस पूरे विवाद में कार्रवाई का रुख चौंकाने वाला रहा। Noida विभाग ने आरोप झेल रहे अधिकारी के खिलाफ कदम उठाने के बजाय उन्हीं 14 अधिकारियों का तबादला कर दिया, जिन्होंने आवाज उठाई थी। इनमें सहायक आयुक्त, संयुक्त आयुक्त और अपर आयुक्त स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं।
ट्रांसफर लिस्ट में शामिल नाम
बुधवार को विशेष सचिव राज्य कर श्याम नारायण ने 14 अधिकारियों के तबादले का आदेश जारी किया। आदेश के मुताबिक:
- सहायक आयुक्त वंदना सिंह – सचल दल इकाई गौतमबुद्धनगर से प्रयागराज (हाईकोर्ट से जुड़े काम हेतु)।
- सहायक आयुक्त शिखा सिंह – सचल दल इकाई-5 गौतमबुद्धनगर से महोबा।
- सहायक आयुक्त रोहित रावत – सचल दल इकाई-2 गौतमबुद्धनगर से टैक्स ऑडिट अयोध्या।
- सहायक आयुक्त प्रियंका – गौतमबुद्धनगर से लखनऊ (हाईकोर्ट से जुड़े काम हेतु)।
- संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार – एसआईबी गौतमबुद्धनगर से प्रयागराज (हाईकोर्ट से जुड़े काम हेतु)।
- अपर आयुक्त विवेक आर्या – ग्रेड-2 एसआईबी गौतमबुद्धनगर से मुरादाबाद।
- ज्योति भौंत – कानपुर प्रथम से एसआईबी गौतमबुद्धनगर।
- प्रशांत कुमार राय – महोबा से सचल दल इकाई गौतमबुद्धनगर।
- सुरेंद्र कुमार – टैक्स ऑडिट अयोध्या से सचल दल इकाई-5 गौतमबुद्धनगर।
- अपर आयुक्त अनिल कुमार – प्रतीक्षारत से अपील मथुरा।
- प्रशांत कुमार – अपील मथुरा से एसआईबी कानपुर प्रथम।
- सहायक आयुक्त राजीव कुमार – खंड-4 कानपुर से सचल दल इकाई-3 गौतमबुद्धनगर।
- सत्यव्रत उपाध्याय – आगरा से सचल दल इकाई-1 गौतमबुद्धनगर।
- संयुक्त आयुक्त कौशलेंद्र कुमार राय – टैक्स ऑडिट सहारनपुर से एसआईबी गौतमबुद्धनगर।
अधिकारियों की शिकायत और विभागीय रवैया
Noida में तैनात 6 अधिकारियों ने अपर आयुक्त संदीप भागिया पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि अधिकारी लगातार उत्पीड़न कर रहे हैं और जांच कमेटी गठित करने में भी पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहे हैं। अधिकारियों ने इसे लेकर लिखित शिकायत की थी। लेकिन विभाग ने कार्रवाई उनके खिलाफ कर दी जिन्हें शिकायतकर्ता माना जा रहा था।
बड़ा सवाल
इस पूरे मामले ने राज्य कर विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारी पूछ रहे हैं कि क्या उत्पीड़न की शिकायत करना ही ट्रांसफर का कारण बन गया? अब नजरें इस बात पर हैं कि क्या सरकार इस मामले में स्वतंत्र जांच बैठाएगी या फिर मामला यहीं ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।