जिले के गांव नंदराम नगरिया निवासी पैरा कमांडो 32 वर्षीय सूरजपाल पचौरी शनिवार को सैन्य अभ्यास के दौरान लेह-लद्दाख में शहीद हो गए। ट्रेनिंग के दौरान पैराशूट नहीं खुलने से जान जाने की सूचना स्वजन को मिली तो परिवार में कोहराम मच गया। रविवार को जवान का पार्थिव शरीर गांव लाया जाएगा। बेटे के वीरगति को प्राप्त होने की खबर से घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। 15 दिन के भीतर जिले के दूसरे जवान ने पैराशूट नहीं खुलने से जान गंवाई है।
गांव नंदराम नगरिया निवासी स्व. रामचरन पचौरी यूपी पुलिस में सब इंस्पेटर थे। उनके सबसे छोटे बेटा सूरजपाल पचौरी पैरा कमांडो में हवलदार थे। वह वर्ष 2009 में भर्ती हुए थे। जम्मू कश्मीर समेत कई जगह रह चुके सूरजपाल वर्तमान में आगरा में तैनात थे। कुछ दिन पहले ही वह सैन्य अभ्यास के लिए लेह-लद्दाख गए हुए थे।
पैराशूट नहीं खुलने से गई जान
स्वजन के मुताबिक शनिवार को सूचना मिली कि सैन्य अभ्यास के दौरान पैराशूट नहीं खुलने से उनकी मौत हो गई। यह खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। उनकी मां भगवती देवी, पत्नी ज्योति शर्मा समेत सभी लोगों में चीख-पुकार मच गई। वर्ष 2014 में उनकी शादी मथुरा की ज्योति शर्मा से हुई थी। उनकी पांच वर्ष की बेटी तान्या, तीन वर्ष की बेटी काव्या और डेढ़ वर्ष का बेटा शौर्य है। जवान के मासूम बच्चों को देखकर सभी की आंखें नम हो गईं।
ऊंचाई से कूदने का बनाया था रिकॉर्ड
स्वजन ने बताया कि सूरजपाल पैरा कमांडो के रूप में काफी निपुण थे। उन्होंने दो वर्ष पहले सबसे ऊंचाई से छलांग लगाकर रिकार्ड बनाया था। रविवार को उनका पार्थिव शरीर गांव लाया जाएगा। सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।गौरतलब है कि सादाबाद के गांव बरामई निवासी सुग्रीव सिंह भी पैरा कमांडो के जवान थे। 29 अगस्त को वह भी सैन्य अभ्यास के दौरान पैराशूट नहीं खुलने से शहीद हो गए थे