Pilibhit News: नेपाली सुरक्षा बलों के कब्जे में भारतीय किसान, रिहाई के लिए बड़ी मुहिम शुरू

नेपाल और भारत की सीमा पर स्थित पीलीभीत जिले से बड़ी खबर सामने आई है। बॉर्डर के पास अपने खेतों में काम कर रहे दो भारतीय किसानों को नेपाली सुरक्षा बलों ने पकड़ लिया है।

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Pilibhit News: नेपाल और भारत की सीमा पर स्थित पीलीभीत जिले (Pilibhit News) से बड़ी खबर सामने आई है। बॉर्डर के पास अपने खेतों में काम कर रहे दो भारतीय किसानों को नेपाली सुरक्षा बलों ने पकड़ लिया है। इन किसानों की पहचान रंजन विश्वास और चितरंजन के रूप में हुई है, जो पीलीभीत के मौजा ढकिया गांव के निवासी हैं।

कैसे हुआ मामला?

दोनों किसान शारदा नदी के पार स्थित अपने खेतों में गेहूं की बुआई करने गए थे। यह जमीन भारतीय क्षेत्र की है, लेकिन नेपाल इसे अपनी भूमि का हिस्सा बताता है। इसी विवाद के चलते नेपाली सेना और वन विभाग की टीम ने सीमा पर गश्त करते हुए इन किसानों को हिरासत में ले लिया। घटना के बाद से दोनों किसान कई दिनों से नेपाली सुरक्षा बलों के कब्जे में हैं।

सीमा विवाद की पुरानी समस्या

पीलीभीत-खीरी सीमा पर अक्सर विवाद की स्थिति बनी रहती है। नेपाली सुरक्षा बल भारतीय जमीनों पर दावा करते रहे हैं और कई बार सीमा के आसपास भारतीय नागरिकों को निशाना बनाया गया है। सीमा पर नो-मेंस लैंड पिलरों के गायब होने से भी तनाव बढ़ता जा रहा है। नेपाल की ओर से सीमा पर फायरिंग की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं।

पीलीभीत के प्रशासनिक अधिकारी इस मामले को सुलझाने के लिए नेपाली समकक्षों के साथ बातचीत कर रहे हैं। परिवारों ने सरकार से रंजन विश्वास और चितरंजन को जल्द से जल्द रिहा कराने की अपील की है।

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न्यूज 1 इंडिया की मुहिम

घटना की गंभीरता को देखते हुए न्यूज 1 इंडिया की टीम ने दुर्गम इलाके में नदी पार कर किसानों के परिवारों तक पहुंच बनाई। चैनल ने सीमा पर मौजूद विवादित इलाकों की रिपोर्टिंग कर इस मामले को प्रमुखता से उठाया है। न्यूज 1 इंडिया का यह प्रयास है कि दोनों भारतीय किसान जल्द से जल्द सुरक्षित अपने घर लौटें।

नेपाली सुरक्षा बलों का रवैया

नेपाली सेना और वन विभाग की टीमों का भारतीय नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार पहली बार नहीं है। इससे पहले भी कई बार नेपाली सुरक्षा बल सीमा पर भारतीयों को निशाना बना चुके हैं। यह घटना एक बार फिर सीमा पर बढ़ते तनाव को उजागर करती है।

सरकार से अपील

पीड़ित परिवारों ने भारत सरकार से मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने और नेपाली बलों के कब्जे से किसानों को सुरक्षित छुड़ाने की मांग की है। घटना ने स्थानीय ग्रामीणों में गुस्सा और डर पैदा कर दिया है, जो सीमा पर स्थिति को सामान्य बनाने के लिए ठोस कदमों की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

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