प्रयागराज ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 45 दिनों तक महाकुंभ चला। इस दौरान करीब 66 करोड़ 30 श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। प्रदेश सरकार के खजाने में करोड़ों रूपए आए तो तीर्थराज के कारोबारी भी मुस्कराए। इन्हीं में से नैनी निवासी पिंटू मल्लाह हैं, जिनका नाम सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में लिया। पिंटू संगम में नाव चलाने का काम करते हैं। महाकुंभ के आयोजन के दौरान उन्होंने करीब 30 करोड़ रुपये की कमाई की है।
कौन हैं पिंटू मल्लाह
पिंटू मल्लाह रूप से प्रयागराज के नैनी स्थित अरैल के निवासी हैं। पिंटू के परिवार में कुल 100 सदस्य हैं। पिंटू के परिवार के सदस्य संगमत तट पर नाव के जरिए अपना भरण-पोषण करते हैं। महाकुंभ को लेकर पिंटू ने परिवार के साथ मिलकर रणनीति बनाई और नावों के निर्माण को लेकर मेला शुरू होने से कई माह पहले से तैयारी शुरू कर दी। करीब तीन माह के अंदर परिवार के सदस्यों ने मिलकर 130 नावों को तैयार कराया, ताकि उन्हें चलाकर कुंभ में अच्छी-खासी अर्निंग की जा सके।
मां के जेवरात रखे गिरवीं
पिंटू ने एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत के दौरान बताया कि महाकुंभ के आगाज से पहले उसके पास पैसे नहीं थे। नाते-रिश्तेदारों के अलावा दोस्तों से पैसे मांगे पर सभी ने देने से इंकार कर दिया। पिंटू ने बताया कि थक-हार कर वह अपनी मां के पास गए और जेवरात मांगे। पहले मां भी जेवरात देने को तैयार नहीं हुई। आखिर में मां ने पिंटू को जेवरात दिए। पिंटू ने जेवरात को गिरवी रख दिया। इसके बाद नावों के तैयार करने के काम में जुट गया। नांव बनकर तैयार हो गई और संगम के तट पर पहुंच गई।
और खूब पैसे कमाए
पिंटू के मुताबिक, उनके परिवार ने सभी लोगों ने मिलकर 45 दिन तक चले इस महाकुंभ में करीब 30 करोड़ रुपये कमाए। उनके पास 130 नावें थीं, जिनको उन्होंने जमकर कुंभ में चलाया और खूब पैसे कमाए। वहीं, श्रद्धालुओं से मनमाना किराया लेने के सवाल पर पिंटू कहते हैं कि हम लोगों ने उतना ही किराया लिया जितना सरकारी रेट था। किसी से भी फालतू पैसा नहीं ले रहे थे। हां कुछ लोग ऐसे रहे होंगे, लेकिन हमारे लोग ऐसा कुछ भी नहीं कर रहे थे। कुछ श्रद्धालु तो खुद हम लोग को दान दे रहे थे।
तकरीबन 50-60 हजार रुपये लगते हैं
पिंटू ने बताया कि एक नाव को बनाने में तकरीबन 50-60 हजार रुपये लगते हैं। हमने 130 नाव तैयार करवाई थीं। ऐसे में पिंटू के परिवार ने एक नाव से एक दिन में 50 हजार से अधिक रुपये कमाए। यानी एक नाव से एक महीने में 23 लाख रुपये परिवार ने कमाए हैं। ऐसे में 130 नावों से उन्होंने करीब 30 करोड़ कमाए। बताया, हमारे परिवार में 100 से अधिक लोग हैं और सभी ने जमकर मेहनत की। यह हमारे लिए किसी महाप्रसाद से कम नहीं है।
हर परिवार के पास 10-20 नावें थीं
पिंटू बताते हैं कि हमारे पास खुद 70 नाव हैं, और लगभग हर परिवार के पास 10-20 नावें थीं। हर किसी ने अच्छी कमाई की। पूरे गांव या कहे तो पूरे प्रयागराज के नाविकों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो गई। इतना पैसा होगा कभी कल्पना नहीं की थी। पिंटू ने कहा कि योगी जी और मोदी जी का धन्यवाद, जिनकी वजह से इतना बड़ा आयोजन हुआ और हम नाविकों पर विशेष ध्यान दिया गया। हम लोगों ने जितना पैसा कमाया, उतना जीवन में कभी देखा भी नहीं था।