उत्तर प्रदेश में शून्य से पाँच साल तक की आयु के बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा पिलाने का शुभारंभ रविवार को जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने किया। जिलाधिकारी वीरांगना अवंतीबाई जिला महिला अस्पताल में बच्चों को दो बूंद जिंदगी की पिलाकर सघन पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि भारत पोलियो मुक्त है।
फिर लौट सकता है पोलियो वायरस का खतरा
लेकिन कुछ पड़ोसी देशों में पोलियो वायरस का खतरा अभी भी है। और फिर लौट सकता है। इसलिए अपने बच्चे की सुरक्षा में कोई चूक न होने दें। पोलियो से बचाव की खुराक हर बार पिलाएं पोलियो पर देश की जीत को बनाए रखने में योगदान दें। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने कहा कि पोलियो से बचाव की दवा पिलाकर एक ऐसी बीमारी से बचा सकते हैं जो कि बच्चे को आजीवन दिव्यांग बना देती है| छह दिन तक चलने वाले इस अभियान में कुल 7.33 लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है।
जिला अधिकारी ने कही ये बात
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एम.के.सिंह ने कहा कि इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ बाल विकास पुष्टाहार विभाग सहित अन्य विभाग भी सहयोग कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करें। सभी से अपील है कि अपने शून्य से पाँच साल तक की आयु के बच्चों को पोलियो की दवा अवश्य पिलाएं। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने कहा कि रविवार को जो बच्चे पोलियो से बचाव की दवा पीने से वंचित रह गए हो। उन्हें 29 मई से दो जून तक स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर–घर जाकर दवा पिलाएंगे।
अभियान सफल बनाने के लिए 2,204 टीमें बनी
जिलाधिकारी ने बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए कुल 2,204 टीमें बनाई गई हैं। इसके साथ ही ईंट भट्टों, मलिन बस्ती व निर्माणाधीन स्थलों पर शून्य से पाँच साल तक की आयु के बच्चों को दो बूंद जिंदगी की पिलाने के लिए 131 मोबाइल टीमों का गठन किया गया है। इसके अलावा 227 ट्रांजिट टीमों द्वारा साप्ताहिक बाजार, मेले, रेलवे व बस स्टेशन पर बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा पिलाई जाएगी।