PMAY rules: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) 2.0 में नियमों को और सख्त बना दिया गया है। योजना के तहत सब्सिडी पाने के लिए आवेदकों को मालिकाना हक साबित करना अनिवार्य होगा। हाउस टैक्स और बिजली का बिल अब जमीन या मकान के स्वामित्व का प्रमाण नहीं माना जाएगा। सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि जिन लोगों के पास वैध रजिस्ट्री नहीं है, वे इस योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे। ऐसे लोग जो केवल कब्जे के आधार पर जमीन पर रह रहे हैं, उन्हें भी योजना से बाहर रखा जाएगा। इस बार योजना में ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी के पात्र लोगों को मकान देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। योजना के तहत यूपी में करीब एक लाख आवासों का निर्माण होगा।
कड़े नियम और पात्रता के मापदंड
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY rules) के दूसरे चरण में शहरी इलाकों में आवासीय सब्सिडी के लिए नए और सख्त नियम लागू किए गए हैं। खास बात यह है कि अब आवेदकों की पात्रता केवल मालिकाना हक प्रमाणित होने पर ही मानी जाएगी।
राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) के निदेशक अनिल पाठक के मुताबिक, वैध रजिस्ट्री के बिना योजना का लाभ संभव नहीं होगा। हाउस टैक्स जमा करने और बिजली कनेक्शन होने के बावजूद, यदि आवेदक के पास वैध रजिस्ट्री नहीं है, तो वह सब्सिडी के लिए पात्र नहीं होगा। इस सख्ती का उद्देश्य आवासीय योजनाओं में पारदर्शिता लाना और गलत लाभार्थियों को रोकना है।
योजना में कब्जाधारियों को पूरी तरह से बाहर रखा गया है। इसके पहले, कुछ इलाकों में गलत ढंग से लाभ देने के मामले सामने आए थे, जिससे सरकार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था।
योजना की मुख्य विशेषताएं और बजट
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 (PMAY rules) के तहत केंद्र सरकार ने 2.30 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। योजना के पहले चरण में 1.18 करोड़ घरों को मंजूरी दी गई थी, जिनमें से 85.5 लाख घर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं। दूसरे चरण में चार श्रेणियों के तहत किफायती आवास बनाने, खरीदने और किराए पर लेने की सुविधा दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश में योजना के तहत ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए 300 वर्ग फीट, एलआईजी के लिए 400 वर्ग फीट और एमआईजी के लिए 500 वर्ग फीट तक के मकान बनाए जाएंगे। यूपी में इस योजना के तहत 75 जिलों में लगभग एक लाख मकानों का निर्माण किया जाएगा। बड़े जिलों में अधिक और छोटे जिलों में कम मकानों का आवंटन होगा।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। पात्र लाभार्थियों का चयन तीन सदस्यीय जिला समितियों द्वारा किया जाएगा।
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
योजना के तहत पात्रता के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें रखी गई हैं:
- मालिकाना हक: आवेदक को वैध रजिस्ट्री प्रस्तुत करनी होगी।
- आवासीय योजना का लाभ: पिछले 20 वर्षों में किसी अन्य सरकारी आवासीय योजना का लाभ न लिया हो।
- आय वर्ग:
- ईडब्ल्यूएस: सालाना आय 3 लाख रुपये तक।
- एलआईजी: सालाना आय 3 से 6 लाख रुपये।
- एमआईजी: सालाना आय 6 से 9 लाख रुपये।
आवेदन के लिए आवेदक को www.pmay-urban.gov.in पर जाना होगा। यहां, पीएमएवाई-यू 2.0 पर क्लिक कर अपनी आय, पता और अन्य दस्तावेज अपलोड करने होंगे। आधार नंबर के सत्यापन के बाद आवेदन फॉर्म जमा किया जा सकता है। आवेदन की स्थिति पोर्टल पर ट्रैक की जा सकती है।
योजना का उद्देश्य और लाभ
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY rules) का उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को किफायती मकान उपलब्ध कराना है। इस योजना से न केवल शहरी इलाकों में आवास की समस्या कम होगी, बल्कि रहने की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
योजना के तहत सब्सिडी पाने वाले लाभार्थियों को 2.5 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, मध्य आय वर्ग के लोगों को भी मकान खरीदने में मदद दी जाएगी। सरकार का प्रयास है कि अधिक से अधिक जरूरतमंद लोग इस योजना का लाभ उठा सकें।
सरकार का नजरिया
योजना में पारदर्शिता और पात्रता सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। केंद्र सरकार की मंशा है कि इस योजना से केवल उन्हीं लोगों को लाभ मिले, जिनकी जरूरत वास्तविक है। यूपी के शहरी विकास मंत्री ने कहा कि इस योजना से राज्य के शहरी क्षेत्रों में आवास की समस्या को काफी हद तक हल किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 (PMAY rules) गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए किफायती मकान का सपना साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह योजना शहरी भारत के विकास को गति देने के साथ ही समाज के कमजोर तबकों को मुख्यधारा में शामिल करने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।