Political Clash in UP Assembly:उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोडीन सिरप के अवैध कारोबार और राष्ट्रीय गौरव से जुड़े मुद्दों को लेकर विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने सदन में तस्वीरें और दस्तावेज दिखाते हुए दावा किया कि कोडीन सिरप के गैरकानूनी डायवर्जन में शामिल आरोपी समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे हैं। मुख्यमंत्री का कहना था कि यह पूरा नेटवर्क सपा सरकार के समय पनपा।
सीएम योगी ने बताया कि यूपी पुलिस और एसटीएफ ने एक हजार से ज्यादा सैंपल लेकर जांच की है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अपराधी चाहे कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि कार्रवाई इतनी कठोर होगी कि “फातिहा पढ़ने लायक भी नहीं छोड़ेंगे।”
कोडीन सिरप केस में सपा पर आरोप
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अमित यादव की तस्वीर दिखाते हुए सवाल किया कि क्या वह वाराणसी कैंट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नहीं थे। योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाया कि मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल से मिले पैसों से अमित यादव ने 2024 में दुबई की यात्रा की थी। उन्होंने मनोज यादव, राजीव यादव और मुकेश यादव जैसे कई नाम गिनाते हुए कहा कि इन लोगों ने फर्जी कंपनियां बनाकर अवैध कारोबार किया।
सीएम ने यह भी कहा कि जिन लोगों को लाइसेंस दिए गए थे, वे सपा सरकार के समय जारी हुए थे। मौजूदा सरकार उन सभी मामलों की जांच कर रही है और दोषियों पर कार्रवाई कर रही है।
विपक्ष पर तंज और पुराने मामले का जिक्र
मुख्यमंत्री ने व्यंग्य करते हुए कहा कि “आलोक सिपाही पक्का सपाई था,” जिसे सरकार ने नौकरी से बाहर किया। उन्होंने दावा किया कि अखिलेश यादव के साथ उसकी तस्वीरें मौजूद हैं। योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को चेतावनी दी कि जनता को गुमराह करने की राजनीति बंद करे।
उन्होंने 2023 का भी जिक्र किया, जब उमेश पाल हत्याकांड के बाद विपक्ष सरकार पर सवाल उठा रहा था। उस समय भी सीएम योगी ने विधानसभा में सख्त बयान दिया था। इसके बाद की घटनाएं पूरे प्रदेश ने देखीं।
‘वंदे मातरम’ विवाद पर भी हमला
सीएम योगी ने ‘वंदे मातरम’ विवाद पर इतिहास का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि 1937 में लखनऊ से जिन्ना ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने यह भी बताया कि उस दौर में कांग्रेस ने गाने के कुछ शब्द हटाने का फैसला लिया था। मुख्यमंत्री के मुताबिक, इसे सद्भाव कहा गया, लेकिन यही तुष्टीकरण की शुरुआत थी।
उन्होंने कहा कि वंदे मातरम केवल गीत नहीं, बल्कि देश की आत्मा है। इतिहास से सीख लेना जरूरी है और नई पीढ़ी को सच्चाई जानने का पूरा हक है। उन्होंने मांग की कि जो लोग आज भी वंदे मातरम का विरोध करते हैं, वे देश से माफी मांगें।




