Prashant Kumar IPS UPESSC Chairman Appointment: उत्तर प्रदेश के पूर्व कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार (IPS) को राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। अपनी सख्त छवि और 300 से अधिक एनकाउंटर्स के लिए ‘सिंघम’ कहे जाने वाले प्रशांत कुमार अब प्रदेश की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और अनुशासन सुनिश्चित करेंगे। उनके 35 वर्षों के शानदार पुलिस करियर और चार बार के ‘राष्ट्रपति वीरता पदक’ के सम्मान ने उन्हें योगी सरकार का सबसे भरोसेमंद अधिकारी बनाया है।
Former UP DGP Prashant Kumar has been appointed Chairman of the Uttar Pradesh Education Service Selection Commission, Prayagraj, for a three-year term.
Kumar, a 1990-batch IPS officer, was retired as Director General of Police in May 2025 after a 35-year… pic.twitter.com/AWoSbbJRdJ
— Bureaucrats India (@BureaucratsInd) December 18, 2025
एक असाधारण करियर: वर्दी से चयन आयोग तक
Prashant Kumar IPS केवल एक नाम नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश में कानून के इकबाल का दूसरा नाम बन चुके हैं। 1990 बैच के इस जांबाज IPS अधिकारी का जन्म 16 मई 1965 को बिहार के सीवान जिले में हुआ। अपनी शैक्षणिक योग्यता में M.Sc (Applied Geology), MBA और M.Phil जैसी डिग्रियां समेटे प्रशांत कुमार ने 1994 में उत्तर प्रदेश कैडर में कदम रखा। तब से लेकर मई 2025 में अपने रिटायरमेंट तक, उन्होंने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को एक नई ऊंचाई दी।
व्यक्तिगत उपलब्धियां और ‘सिंघम’ की छवि
प्रशांत कुमार का करियर वीरता और रणनीतिक कौशल का एक दुर्लभ मेल है। उनकी कुछ प्रमुख उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:
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वीरता के कीर्तिमान: वे देश के उन गिने-चुने अधिकारियों में शामिल हैं जिन्हें लगातार चार बार (2020, 2021, 2022, 2023) ‘राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक’ से नवाजा गया। इसके अलावा उन्हें कुल 109 प्रशस्ति पत्र और ‘मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पदक’ जैसे सम्मान मिले हैं।
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एनकाउंटर स्पेशलिस्ट: मेरठ ज़ोन के ADG रहते हुए उन्होंने अपराधियों के खिलाफ जो ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाई, उसने उन्हें ‘रियल लाइफ सिंघम’ की पहचान दी। उनके नेतृत्व में 300 से अधिक मुठभेड़ें हुईं, जिनमें पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधियों और माफियाओं की कमर टूट गई।
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जटिल ऑपरेशनों का नेतृत्व: दिल्ली के डॉक्टर श्रीकांत गौर का अपहरण कांड हो या महाकुंभ 2025 जैसी विशाल भीड़ का प्रबंधन, प्रशांत कुमार ने हर मोर्चे पर अपनी प्रशासनिक क्षमता साबित की।
नई भूमिका: शिक्षा क्षेत्र में ‘जीरो टॉलरेंस’
17 दिसंबर 2025 को Prashant Kumar IPS की नियुक्ति उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) के अध्यक्ष के रूप में हुई। यह निर्णय योगी सरकार के उस विजन का हिस्सा है जिसमें भर्ती परीक्षाओं को पेपर लीक और भ्रष्टाचार से पूरी तरह मुक्त रखना प्राथमिकता है।
विवरण |
जानकारी |
पदभार |
अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग |
कार्यकाल |
3 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक |
प्राथमिकता |
पारदर्शी भर्ती और रुकी हुई परीक्षाओं (TGT/PGT) का आयोजन |
सम्मान (हालिया) |
लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा मानद ‘डी.लिट’ (D.Litt) की उपाधि (सितंबर 2025) |
रिटायरमेंट के बाद भी उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलना यह दर्शाता है कि शासन को Prashant Kumar IPS की ईमानदारी और कार्यक्षमता पर अटूट विश्वास है। अब प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों की उम्मीदें उनके कंधों पर हैं कि वे पुलिस की तरह शिक्षा विभाग में भी एक पारदर्शी व्यवस्था स्थापित करेंगे।
