Prayagraj News: गाजी मियां की दरगाह पर फहराया गया भगवा झंडा… कौन है मनेंद्र प्रताप सिंह, जिसकी अगुआई में हुआ विवादित कदम?

राम नवमी पर प्रयागराज के सिकंदरा क्षेत्र में गाजी मियां की दरगाह पर भगवा झंडा फहराया गया। इस घटना की अगुआई मनेंद्र प्रताप सिंह ने की, जिसने दरगाह को हटाने की मांग करते हुए इसे हिंदू भूमि बताया।

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Prayagraj Ghazi Miyan Dargah: राम नवमी के मौके पर प्रयागराज जिले के सिकंदरा इलाके में स्थित गाजी मियां की दरगाह की छत पर भगवा झंडा फहराने की घटना ने माहौल गरमा दिया है। इस पूरे घटनाक्रम की अगुआई मनेंद्र प्रताप सिंह नामक युवक ने की, जो खुद को संघ और भाजपा का कार्यकर्ता बताता है। घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर उसने अपनी मंशा स्पष्ट की और दरगाह को ‘ग़लत ऐतिहासिक प्रतीक’ बताकर उसे हटाने की मांग की। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इलाके में फिलहाल भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है और शांति बनाए रखने की कोशिशें जारी हैं।

20 से अधिक युवकों के साथ पहुंचा मनेंद्र

राम नवमी के मौके पर मनेंद्र प्रताप सिंह करीब 20 से अधिक युवकों के साथ Prayagraj सिकंदरा इलाके में स्थित दरगाह पर पहुंचा। यह दरगाह प्रयागराज के जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर है। युवक दीवारों के सहारे दरगाह की छत पर चढ़े और वहां भगवा झंडा फहराकर जय श्रीराम और अन्य धार्मिक नारे लगाए। इस दौरान छत पर भगवा झंडा फहराने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।

कौन है मनेंद्र प्रताप सिंह?

मनेंद्र प्रताप सिंह Prayagraj के सहसो गांव का रहने वाला है। उसने खुद को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ा पूर्व छात्र नेता बताया है और अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर संघ व भाजपा कार्यकर्ता लिखा है। बताया जा रहा है कि हाल ही में उसने जिला अधिकारी और पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देकर दरगाह की भूमि की पैमाईश और जांच की मांग की थी। उसका कहना है कि यह दरगाह किसी आक्रांता की नहीं बल्कि वहां मौजूद पांच समाधियां हिंदू संतों की हैं।

‘दरगाह को ध्वस्त किया जाए’

वीडियो में मनेंद्र ने साफ कहा कि सालार मसूद गाजी एक आक्रांता था और उसकी दरगाह तीर्थराज प्रयाग में नहीं होनी चाहिए। वह इस स्थान को हिंदू तीर्थ मानता है और चाहता है कि इसे हिंदुओं को पूजा-पाठ के लिए सौंपा जाए। उसने प्रशासन से मांग की कि इस दरगाह को तत्काल प्रभाव से ध्वस्त किया जाए।

प्रशासन का रुख और जांच के संकेत

Prayagraj पुलिस ने शुरुआती जांच में माना है कि विवादित स्थान पर पांच हिंदू समाधियां हैं, लेकिन गाजी मियां या मसूद गाजी का कोई सीधा उल्लेख नहीं किया गया है। अधिकारियों ने कहा है कि कानून व्यवस्था को भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और जिन पुलिस कर्मियों की लापरवाही सामने आएगी, उन्हें दंडित किया जाएगा। फिलहाल इलाके में शांति बनी हुई है, लेकिन प्रशासन स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है।

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