कौन हैं जस्टिस समीर जैन, जिन्होंने आजम खान के केस की सुनवाई से खुद को किया अलग, वकील ने बताई ये वजह

आजम खान से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई से इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस समीर जैन ने खुद को अलग कर लिया। जस्टिस जैन ने 2016 के बहुचर्चित यतीमखाना बेदखली प्रकरण की सुनवाई से खुद को अलग करते हुए केस को अपने न्यायालय से रिलीज कर दिया।

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान अपने बेटे अब्दुल्ला के साथ रामपुर की जेल में बंद हैं। दोनों को एमएपी-एमएलए कोर्ट ने सात-साल की सजा सुनाई है। कुछ दिन पहले आजम खान की तबियत बिगड़ने की बात सामने आई थी। हालांकि जेल प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि वह पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। इनसब के बीच आजम खान से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई से इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस समीर जैन ने खुद को अलग कर लिया। जस्टिस जैन ने 2016 के बहुचर्चित यतीमखाना बेदखली प्रकरण की सुनवाई से खुद को अलग करते हुए केस को अपने न्यायालय से रिलीज कर दिया।

पूर्व मंत्री आजम खान 55 दिन के बाद फिर से सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। उन्हें रामपुर की एमएपी-एमएलए कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है। आजम खान ने एक केस को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में ट्रायल कोर्ट के 30 मई के एक आदेश को चुनौती दी गई थी। सुनवाई के दौरान, सह-आरोपियों की ओर से वरिष्ठ वकील एस एफए नकवी और वकील सैयद अहमद फैजान मौजूद थे। जबकि पूर्व सांसद आजम खान और सह-आरोपी वीरेंद्र गोयल की ओर से वरिष्ठ वकील एनआई जाफरी, वकील शाश्वत आनंद, और शशांक तिवारी मौजूद रहे। तभी इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस समीर जैन ने खुद को इस केस से अलग कर लिया और मामले को दूसरी बेंच में भेज दिया।

जस्टिस के इस अचानक लिए गए फैसले से सभी हैरान रह गए। अब आजम खान के केस किस बेंच को मिलेंगे, इसका निर्णय चीफ जस्टिस करेंगे। समीर जैन इलाहाबाद हाईकोर्ट के काफी चर्चित जस्टिस हैं। उन्होंने माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को मिली 2 साल की सजा पर रोक लगाई थी, जिससे अब्बास की विधायकी बहाल हो सकी थी। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर, सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क, सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के केस भी सुन चुके हैं। पूरे प्रकरण पर आजम खान के वकील शाश्वत आनंद के मुताबिक, जस्टिस समीर जैन ने न केवल इस मामले से खुद को अलग किया, बल्कि पूर्व सांसद आजम खान के यतीमखाना प्रकरण से जुड़े सभी मामलों को अपनी कोर्ट से रिलीज कर दिया। यह हाईकोर्ट के इतिहास में बड़ा दुर्लभ मामला है, जब एक जज ने एक ही व्यक्ति से जुड़े सभी मामलों से खुद को एक साथ अलग कर लिया।

अब हम आपको बताते हैं किस केस की कोर्ट में चल रही थी सुनवाई। आजम खान के विरुद्ध यह मामला शहर कोतवाली क्षेत्र की यतीमखाना बस्ती से जुड़ा है। इस बस्ती को वर्ष 2016 में जबरन खाली कराया गया था। तब प्रदेश में सपा की सरकार थी। आजम खान के इशारे पर सपाइयों ने पुलिस फोर्स के साथ बस्ती को जबरन खाली करा दिया था। मुकदमे में घरों में घुसकर मारपीट करने, छेड़छाड़ करने, रुपए, जेवर और भैंस-बकरी लूटकर ले जाने के आरोप हैं। इन मुकदमों में आजम खान समेत सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल, इस्लाम ठेकेदार आदि भी नामजद हैं। मुकदमे की सुनवाई रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है। यतीमखाना प्रकरण में शहर कोतवाली में 12 लोगों द्वारा अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए थे। पहले सभी की अलग-अलग सुनवाई चल रही थी, लेकिन बाद में न्यायालय ने इन सभी को एक मान लिया। इस मामले में अभियोजन की गवाही पूरी हो चुकी है। अब बचाव पक्ष की गवाही चल रही है।

अब हम आपको जज के बारे में बताते हैं। जस्टिस समीर जैन इलाहाबाद हाईकोर्ट में 13 अक्टूबर 2021 को अपर न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। 23 मार्च 2023 को हाईकोर्ट में उन्हें स्थायी जज बनाया गया। उनका कार्यकाल 2030 तक है। वर्ष 1968 में जन्मे जस्टिस जैन ने कानून की डिग्री वर्ष 1992 में पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर से हासिल की। वकील के रूप में उन्होंने वकालत की शुरुआत 1992 से शुरू की। उन्होंने वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से वकालत की शुरुआत की थी। फिलहाल आजम खान पर अभी तक 100 से ज्यादा केस दर्ज हैं। कईयों का ट्रायल चल रहा है। आजम खान करीब 58 दिन पहले जमानत पर जेल से बाहर आए थे। तब आजम खान से मिलने के लिए खुद अखिलेश यादव रामपुर गए थे। अखिलेश से मुलाकात के बाद आजम खान ने कई इंटरव्यू दिए। वह कुछ दिल पहले लखनऊ स्थित अदालत में पेश हुए। तब आजम खान ने कहा था कि मैं घर से निकलते वक्त अपने साथ एक अटैची लेकर चलता हूं। पता नहीं कब सजा सुना दी और हमें जेल जाना पड़ जाए।

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