माफिया अतीक और अशरफ हत्याकांड में एसआईटी के हाथ खाली
15 अप्रैल 2023 को भारी भरकम पुलिस अभिरक्षा में मेडिकल के लिए ले जाते समय माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की 3 शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, पूरे मामले को लेकर एसआईटी जांच कर रही है, 1 माह से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक सही वजह सामने निकल कर नहीं आ सकी है।
तीनों हत्यारों से पुलिस और एसआईटी की टीमें रिमांड पर लेकर पूछताछ भी कर चुकी है। लेकिन बावजूद उसके कोई बड़ा सुराग या वजह एसआईटी के हाथ नहीं लग सकी, केवल शूटरों का एक ही बयान अपना खौफ बनाने और नाम कमाने के लिए हत्या को अंजाम देने की वजह ही अभी तक सामने आई है, हालांकि एसआईटी प्रत्यक्षदर्शियों के भी बयान दर्ज कर रही है, हर एक पहलू को देखा जा रहा है, क्योंकि पुलिस हिरासत में हत्या पुलिस पर भी सवाल खड़े कर रही है जिसको लेकर जवाब SIT ढूंढने में लगी हुई है।
तीनों शूटरों ने आखिर क्यों की अतीक और अशरफ की हत्या
अतीक और अशरफ की हत्या के पीछे वजह क्या थी? यह अभी भी एक अनसुलझी पहेली बनी हुई है। अब तक जो पूछताछ में चीजें अभी तक निकल कर सामने आई है, उनको अगर हम समझे तो कई सवाल अभी भी अनसुलझे हैं। जिसमें सनी ने अगर हत्या की साजिश रची तो बिना मोबाइल के दूसरे जिले के लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य से वह संपर्क में कैसे बना रहा?, अगर कोई मोबाइल नहीं था तो फिर तीनों अलग-अलग जगहों से आकर प्रयागराज में कैसे दूसरे से मिले?
हत्या से पहले माफिया अतीक और अशरफ के इशारे की गुत्थी भी अनसुलझी
15 अप्रैल को अतीक अहमद ने हत्या से पहले जीप से उतरते वक्त किसी को देखकर सर खिलाया था, वही माफिया अतीक का भाई अशरफ भी किसी का नाम लेने जा रहा था, जिसमें अंदरखाने गुड्डू मुस्लिम का नाम निकल कराने की बात आ रही है, हालांकि गुड्डू मुस्लिम पर भी 5 लाख का इनाम है और वह भी फरार है,जो पुलिस के हाथ अब तक नहीं लग सका तो आखिर अतीक और अशरफ का हत्या से पहले इशारा किसकी तरफ था यह भी अभी तक अनसुलझा रहस्य है
मीडिया और पुलिसकर्मियों के साथ ही अस्पताल पर मौजूद लोगों से भी पूछताछ
माफिया अतीक और अशरफ की हत्या के समय मौके पर मौजूद मीडियाकर्मियों, पुलिसकर्मियों के साथ ही अस्पताल के कर्मचारियों और मौके पर मौजूद रहे आम लोगों से भी कई कई राउंड की पूछताछ हो चुकी है। लेकिन बावजूद इसके अभी तक किसी एक बिंदु पर पूरी चीजें खुलकर सामने नहीं आ सकी हैं
जिगाना जैसी विदेशी महंगी पिस्टलों पर भी सवाल
जिगाना जैसी महंगी पिस्टलें शूटरों ने हत्या के समय प्रयोग की थी, मतलब साफ है कि पूरी घटना को काफी वर्कआउट के बाद अंजाम दिया गया, कहीं कोई कोर कसर ना छूटे इसका भी ध्यान रखा गया, इतनी महंगी और सटीक निशाने वाली पिस्टलें आखिर शूटरों को कहां से मिली इतना पैसा शूटर कहां से लाएं इन पर भी अभी सवाल घूम रहे हैं
प्रत्यक्षदर्शियों से भी न्यायिक आयोग कर रहा पूछताछ वहीं उमेशपाल हत्याकांड में शामिल आरोपी अरबाज और विजय चौधरी के एनकाउंटर की जांच के लिए न्यायिक आयोग भी काम कर रहा है, मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों के बयान भी लिए जाने के लिए नोटिस दिए जा चुके हैं, प्रत्यक्षदर्शियों को भी आंखों देखा हाल अगर किसी के पास जानकारी हो तो वह दे सकता है, जिसके लिए लखनऊ कार्यालय में बयान दर्ज कराने के अवसर दिए गए हैं