Raghavi Kumari post: राजा भैया की बेटी ने उठाई आवाज… कहा- ‘मां के साथ भेदभाव कर रही है उत्तराखंड सरकार’

राजा भैया की बेटी राघवी ने सीएम धामी से न्याय की मांग करते हुए सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि उनकी मां भानवी सिंह की जमीन जब्त करना एक सोची-समझी साजिश है, क्या सरकार अन्याय को बढ़ावा देगी या न्याय देगी?

Raghavi Kumari

Raghavi Kumari post: उत्तराखंड में राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह की ज़मीन को लेकर उठा विवाद अब और गहराता जा रहा है। इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब उनकी बेटी Raghavi Kumari ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खुली अपील कर न्याय की मांग की। राघवी ने आरोप लगाया कि बिना सूचना दिए सरकार ने उनकी मां की जमीन जब्त कर ली, फर्जी वकील से पैरवी कराई गई और उनके संपर्क विवरण तक बदल दिए गए। उन्होंने उत्तराखंड सरकार पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए पूछा – “क्या आप अन्याय को बढ़ावा देंगे?” अब यह मामला न केवल राजनीतिक बल्कि कानूनी और संवेदनशील सामाजिक मुद्दा बन चुका है, जिसमें कई बड़े नामों की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं।

मां के समर्थन में डटीं राघवी, सीएम को टैग कर उठाई आवाज

प्रतापगढ़ के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह की एक जमीन को उत्तराखंड प्रशासन ने हाल ही में जब्त कर लिया। लेकिन इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए Raghavi Kumari ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक के बाद एक कई पोस्ट कीं। उन्होंने लिखा – “खेती के सबूत होने के बावजूद सरकार ने मेरी मां की जमीन छीन ली। कोई नोटिस नहीं भेजा गया, यहां तक कि उनकी पहचान भी बदल दी गई।” राघवी ने सीधे तौर पर उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय, सीएम धामी और भाजपा को टैग करते हुए निष्पक्ष सुनवाई की मांग की।

उन्होंने सवाल उठाया कि जब कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री बनता है, तो वह सत्य और न्याय के लिए शपथ लेता है – “तो क्या आप अपने दायित्वों का पालन करेंगे या अन्याय को संरक्षण देंगे?” इस पोस्ट के साथ उन्होंने एमएलसी कुंवर अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी को भी टैग किया, जिन पर पहले भी भानवी सिंह पर आरोप लगाने का आरोप लग चुका है।

भूमि विवाद की पूरी कहानी – नैनीताल के कैंचीधाम से जुड़ा है मामला

यह विवाद नैनीताल जिले के कैंचीधाम क्षेत्र के सिल्टोना गांव की 555 हेक्टेयर कृषि भूमि से जुड़ा है, जिसे भानवी सिंह ने साल 2006 में खरीदा था। प्रशासन का दावा है कि इस जमीन के भू-उपयोग को लेकर एक शर्त रखी गई थी – कि इसका उपयोग कृषि या औद्योगिक गतिविधियों के लिए किया जाएगा। लेकिन 17 वर्षों के भीतर न तो कृषि कार्य शुरू हुआ और न ही औद्योगिक इस्तेमाल किया गया। इस आधार पर उत्तराखंड सरकार ने अक्टूबर 2023 में कार्रवाई करते हुए जमीन को जब्त कर लिया।

उप जिलाधिकारी कैंचीधाम ने इस कार्रवाई को भूमि कानूनों के अनुसार बताया, लेकिन भानवी सिंह का परिवार इसे पूरी तरह से गलत, मनमानी और साजिशपूर्ण बता रहा है।

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न्याय मंत्रालय से भी की गई हस्तक्षेप की मांग

Raghavi Kumari ने सिर्फ सीएम धामी ही नहीं, बल्कि देश के कानून एवं न्याय मंत्रालय को भी टैग करते हुए इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने लिखा कि यह न केवल उनकी मां के अधिकारों का हनन है, बल्कि संविधान की आत्मा के खिलाफ है।

अब देखना यह है कि उत्तराखंड सरकार इस अपील पर क्या रुख अपनाती है। क्या इस मामले में निष्पक्ष जांच होगी या यह राजनीतिक विवाद बनकर दब जाएगा – यह आने वाला समय तय करेगा।

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