Rahul Gandhi on Sambhal Visit: मंगलवार को कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी के संभल जाने की सूचना मिलते ही पुलिस विभाग अलर्ट हो गया। हापुड़ जिले के दिल्ली-लखनऊ हाईवे स्थित गढ़ और पिलखुवा टोल प्लाजा पर पुलिस बल ने तैनात हो कर वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी। एसडीएम धौलाना, सीओ और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और करीब दो घंटे तक चेकिंग जारी रखी। गाजियाबाद में भी पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई, जहां दिल्ली से यूपी जाने वाले वाहनों की चेकिंग की गई। इससे पहले, सोमवार को नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद और मंगलवार को सपा प्रतिनिधिमंडल को भी संभल जाने से रोका गया था।
संभल में पिछले रविवार को जामा मस्जिद का सर्वे करने को लेकर हिंसा हुई थी, जिसके बाद प्रशासन ने जिले में धारा 163 लागू कर दी थी। यह स्थिति और तनावपूर्ण हो गई जब पुलिस को राहुल गांधी के संभल जाने की सूचना मिली। पुलिस ने तुरंत हाईवे के प्रमुख टोल प्लाजा पर सुरक्षा बढ़ाई। टोल प्लाजा पर वाहनों की तलाशी की गई और सभी गाड़ियों को रुकवाया गया।
संभल, उत्तर प्रदेश में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाज़ी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।
प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 25, 2024
इस दौरान एसडीएम लवी त्रिपाठी, सीओ अनिता चौहान, कोतवाली प्रभारी रघुराज सिंह सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और वाहनों की गहन जांच की। ब्रजघाट टोल पर भी पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी थी, जहां चौकी इंचार्ज और सीओ ने पुलिस बल के साथ चेकिंग की। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, राहुल गांधी के संभल आने की सूचना पर यह कदम उठाया गया था और इलाके में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए गए।
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Rahul Gandhi ने संभल हिंसा पर ट्वीट कर भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि हिंसा में जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की असंवेदनशीलता और बिना सभी पक्षों को सुने की गई कार्रवाई ने हालात और बिगाड़ दिए। राहुल ने भाजपा पर हिंदू-मुसलमान समाजों के बीच भेदभाव पैदा करने का आरोप लगाया और सुप्रीम कोर्ट से जल्द हस्तक्षेप की अपील की।
Rahul Gandhi ने अपनी अपील में कहा, “हम सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना है कि भारत सांप्रदायिकता और नफ़रत नहीं, बल्कि एकता और संविधान के रास्ते पर आगे बढ़े।”