Railway Coolies: रेलवे कुलियों का दर्द क्या बैटरी कार से घटी कमाई कैसे परिवार चलाना हुआ मुश्किल

बैटरी कारों की बढ़ती संख्या से कुलियों की कमाई बेहद घट गई है। रेलवे द्वारा वादा की गई सुविधाएं भी नहीं मिल रहीं। कुली समायोजन, मेडिकल, शिक्षा और पैसों की मांग कर रहे हैं

Railway Coolies Struggle: रेलवे स्टेशनों पर बैटरी कारों के बढ़ने से कुलियों की रोज की कमाई पर बड़ा असर पड़ा है। कई कुली बताते हैं कि अब इतना पैसा भी नहीं बच पाता कि घर का खर्च ठीक से चल सके। रेलवे की तरफ से मिलने वाली सुविधाएं भी सिर्फ कागजों में ही दिखती हैं। इसके बावजूद कुली हिम्मत नहीं हार रहे और उम्मीद लिए काम कर रहे हैं।

चारबाग स्टेशन के कुलियों ने बताया कि पूरी उम्र स्टेशन पर बीत गई, लेकिन रेलवे अधिकारियों ने आज तक वह सुविधाएं नहीं दीं, जिनका वादा किया गया था। कुलियों का कहना है कि रेलवे हमें वही हक दे, जो उसके नियमों में लिखा है।

सुविधाओं का वादा, लेकिन हकीकत उलट

राष्ट्रीय कुली मोर्चा के कोऑर्डिनेटर राम सुरेश यादव के अनुसार साल 2008 में 21,800 कुलियों को गैंगमैन के पद पर समायोजित किया गया था। उसके बाद से अब तक समायोजन की प्रक्रिया फिर शुरू नहीं हुई। देशभर के कुली लगातार अपनी मांगें उठाते हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं होती। कुली अफसर और इनायत अली कहते हैं कि बैटरी कार चालकों की वजह से उनकी कमाई पहले से भी कम हो गई है। अगर यही हाल रहा तो आगे चलकर कुलियों का रोजगार पूरी तरह खत्म हो सकता है।

शिक्षा, मेडिकल और वर्दी—सभी सुविधाएं अधूरी

कुली अरुण कुमार यादव ने बताया कि रेलवे ने कागजों में तीन बार गर्मियों की वर्दी, एक बार सर्दियों की वर्दी और मेडिकल सुविधाओं का वादा किया है, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। उनके अनुसार स्टेशन पर कुलियों के लिए बेहतर प्रतीक्षालय बनना चाहिए जिसमें बेड, टीवी और साफ पानी की व्यवस्था हो, लेकिन असल में ऐसा कुछ नहीं है।

कुली महेंद्र बताते हैं कि रेलवे नियम के अनुसार उनके बच्चों को रेलवे स्कूल में मुफ्त शिक्षा मिलनी चाहिए, लेकिन यहां रेलवे का स्कूल ही नहीं है। कमाई कम होने से बच्चे अच्छे स्कूल में भी नहीं पढ़ पाते।

कुलियों पर बैटरी कारों का सीधा असर

चारबाग और लखनऊ जंक्शन पर जरूरत से ज्यादा बैटरी कारें चलाई जा रही हैं। कुलियों के मुताबिक बैटरी कारें केवल दिव्यांग, बुजुर्ग और बीमार यात्रियों के लिए चलनी चाहिए थीं, लेकिन अब ये कारें सामान ढोने लगी हैं, जिससे कुलियों का काम छिन रहा है।

कई कुलियों का कहना है कि वे जब यात्रियों से बात करते हैं, तब तक बैटरी कार वाले आकर तेजी से सामान उठा लेते हैं। विरोध करने पर झगड़े तक की नौबत आ जाती है।

कुलियों की मुख्य मांगें

समायोजन की प्रक्रिया फिर से शुरू की जाए

सभी कुलियों को बीमा सुविधा मिले

रेलवे अस्पताल में मुफ्त इलाज मिले

बच्चों की पढ़ाई के लिए भत्ता दिया जाए

कुली प्रतीक्षालय रेलवे नियमों के अनुसार बनाया जाए

वर्दी और अन्य जरूरी सुविधाएं समय पर दी जाएं

बैटरी कारों से सामान ढोने पर रोक लगे

कुलियों ने साफ कहा है कि जब तक उन्हें स्थायी नौकरी नहीं दी जाती, तब तक रेलवे बैटरी कार वालों को सामान ढोने से रोके, ताकि वे सम्मान के साथ अपना परिवार चला सकें। सम्मानजनक रोजगार की उम्मीद में संघर्ष कर रहे हैं।

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