मुस्लिम-यादव वोट से जीते थे राजभर, अब मंत्री बनकर गाली दे रहे, सुभासपा महासचिव इजहार अली का इस्तीफा

सुभासपा को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव इजहार अली ने इस्तीफा देते हुए ओमप्रकाश राजभर पर परिवारवाद और मुस्लिम-यादव वोटों से जीतकर अल्पसंख्यकों का अपमान करने का आरोप लगाया है।

Izhar Ali

Izhar Ali resignation: यूपी की सियासत में बड़ा झटका सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और इसके मुखिया व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर को लगा है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव इजहार अली ने गुरुवार को पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे में इजहार अली ने आरोप लगाया कि ओमप्रकाश राजभर मुस्लिम-यादव वोटों की बदौलत चुनाव जीते, लेकिन मंत्री बनने के बाद अल्पसंख्यकों का अपमान करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि सुभासपा में परिवारवाद हावी है और पूरी पार्टी राजभर परिवार की संपत्ति बन चुकी है। इजहार ने शायराना अंदाज में लिखा, “अगर आंधियों को जिद है बिजलियां गिराने की, तो हमें भी जिद है वहीं आशियाना बनाने की।”

सुभासपा को लगा बड़ा झटका

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव Izhar Ali ने गुरुवार को पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। अपने इस्तीफे में उन्होंने ओमप्रकाश राजभर पर गंभीर आरोप लगाए। इजहार ने कहा कि मंत्री बनने के बाद राजभर ने मुस्लिम और यादव समुदाय के लोगों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी में परिवारवाद इस हद तक बढ़ चुका है कि बेटों और बहुओं के बाद अब पोते तक को आगे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है।

शायराना अंदाज में दी विदाई

Izhar Ali ने इस्तीफे का पत्र शायराना अंदाज में लिखा। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि पहले पार्टी में “आपका जिंदाबाद” कहा जाता था, फिर “बेटों का जिंदाबाद” और अब “पोतों का जिंदाबाद” करने की नौबत आ गई है। इजहार ने लिखा कि जब आंधियों को बिजली गिराने की जिद है, तो हमें भी जिद है वहीं आशियाना बनाने की। उनका इस्तीफा पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष का संकेत माना जा रहा है।

पहले भी हुए थे बड़े इस्तीफे

गौरतलब है कि Izhar Ali ने 2021 में बसपा और सपा छोड़कर सुभासपा जॉइन की थी। वह न केवल पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव थे, बल्कि बिहार संगठन के प्रभारी भी थे। पार्टी में उनकी मजबूत पकड़ थी। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब सुभासपा को बड़ा झटका लगा हो। इससे पहले अप्रैल में सुभासपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के 200 से ज्यादा मुस्लिम पदाधिकारियों ने भी पार्टी छोड़ दी थी। उन पदाधिकारियों ने भी ओमप्रकाश राजभर पर परिवारवाद के आरोप लगाए थे।

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