Rajbhar की ‘बंदूक वाली जाति’: नकली हथियारों से आतंकवाद खत्म करने का नायाब फॉर्मूला!

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने फिर अपने बयान से तहलका मचा दिया। आतंकवाद पर बोलते हुए उन्होंने अपनी जाति के युवाओं को नकली बंदूकधारी बताया, जिससे सोशल मीडिया पर मज़ाक और नाराज़गी दोनों देखने को मिलीं।

Rajbhar controversy

Omprakash Rajbhar's attitude has changed as soon as he became minister

Rajbhar controversy: उत्तर प्रदेश के राजनीति के पोस्टर बॉय और ‘बेबाक बयानों’ के Rajbhar ने एक बार फिर अपने अनोखे अंदाज़ से हलचल मचा दी है। इस बार उन्होंने आतंकवाद जैसे गंभीर विषय को लेकर ऐसा बयान दे डाला कि सोशल मीडिया पर मीमर्स से लेकर आलोचकों तक सभी को मसाला मिल गया। Rajbhar ने दावा किया कि अगर उनके समुदाय के लड़कों को पैसे मिलें, तो वे नकली बंदूकें खरीदते हैं, जबकि ब्राह्मण लड़के मिठाइयाँ। बयान में उन्होंने अपनी जाति की “बंदूक से खेलने की नीयत” को एक ‘गुण’ के रूप में पेश किया, जिससे राष्ट्रभक्ति का ऐसा अनूठा पाठ पढ़ाया गया कि लोगों की हँसी और गुस्सा, दोनों छूट गए।

‘नकली बंदूक’ से असली बयानबाज़ी

Rajbhar का बयान आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में आया, जिसमें उन्होंने आतंकवाद जैसे मुद्दे को भी जातिगत चश्मे से देखने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “राजभर का लड़का अगर पैसे पाए तो नकली बंदूक लेगा… पंडित का मिठाई।” सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में वे अपनी ‘पारंपरिक शॉल’ और ‘सियासी कुर्सी’ में डूबे, पूरे आत्मविश्वास के साथ बोलते दिख रहे हैं। लेकिन उनका यह बयान आग में घी डालने जैसा साबित हुआ।

‘सीमा पर भेज दो राजभर योद्धाओं को’

ममता त्रिपाठी नामक यूजर ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी जी को ऐसे ‘योद्धाओं’ को पाकिस्तान सीमा पर भेज देना चाहिए। “सील कमांडो भी इनके आगे फेल हैं”, उन्होंने लिखा। अन्य यूजर्स ने भी झड़ी लगा दी – “राजभर ब्रिगेड के पास पटाखे और पिचकारी हैं, चलो आतंकवाद खत्म करने” जैसे तंज सामने आए। कुछ यूजर्स ने यह भी कहा कि यही मानसिकता अपराध को जन्म देती है।

राजनीति में ‘मशरूम’ की तरह उगने वाले बयानवीर

Rajbhar का यह कोई पहला बेतुका बयान नहीं है। इससे पहले भी वे जातिगत जनगणना पर विपक्षी दलों को “चुल्लू भर पानी में डूबने” की सलाह दे चुके हैं। एसबीएसपी के संस्थापक और बीजेपी के सहयोगी होने के बावजूद, राजभर अक्सर अपने ही सहयोगियों पर निशाना साधते रहे हैं।

क्यों बोले राजभर ऐसे बोल?

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह के बयानों का मकसद सिर्फ जातीय आधार पर भावनाएं भड़काना है। जबकि देश के लिए असली मुद्दे गंभीरता से सोचने की मांग करते हैं, राजभर जैसे नेता मजाक में उन्हें उड़ा देते हैं। अब देखना है कि भाजपा और यूपी सरकार इस ‘राजभर रेटॉरिक’ पर क्या प्रतिक्रिया देती है।

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