Year Ender 2024 : इन दो पुजारियों ने मचाई धूम, एक की भविष्‍यवाणी हुई सच दूसरा बना सबसे कम उम्र का पुजारी

2024 में अयोध्या के राम मंदिर के दो पुजारियों, आचार्य सत्येंद्र दास और मोहित पाण्डेय ने सुर्खियां बटोरीं। आचार्य दास की भविष्यवाणी सही साबित हुई, जिसमें उन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। वहीं, मोहित पाण्डेय राम मंदिर के सबसे कम उम्र के पुजारी बने।

ayodhya ram mandir priests

Ayodhya Ram mandir priests : साल 2024 के आख़िर में, अयोध्या के राम मंदिर और उसके पुजारियों ने सुर्खियां बटोरीं। जहां एक तरफ रामलला के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा, वहीं मंदिर के दो पुजारियों की चर्चा भी पूरे साल रही। इनमें से एक ने भविष्यवाणी की थी, जो सच साबित हुई, जबकि दूसरा राम मंदिर का सबसे कम उम्र का पुजारी बन गया। आइए जानते हैं इन दोनों पुजारियों के बारे में और यह भी की दोनों क्यों साल 2024 में चर्चित रहे।

आचार्य सत्येंद्र दास की भविष्यवाणी

Acharya Satyendra Das अयोध्या के सबसे पुराने और प्रमुख पुजारियों में से एक हैं। वे पिछले 31, 32 वर्षों से रामलला की सेवा कर रहे हैं और राम मंदिर के संघर्ष से लेकर उसके निर्माण तक के हर पहलू को नजदीक से देखा है। जब राम मंदिर ट्रस्ट ने 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की, तब आचार्य सत्येंद्र दास का नाम सबसे पहले लिया गया था। आज भी, राम मंदिर ट्रस्ट ने उन्हें रामलला के मुख्य पुजारी के रूप में नियुक्त कर रखा है।

आचार्य सत्येंद्र दास की भविष्यवाणी ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया था। उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान भविष्यवाणी की थी कि 2024 में नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे। उनकी यह भविष्यवाणी सच साबित हुई जब नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। इस भविष्यवाणी की सटीकता ने आचार्य सत्येंद्र दास को मीडिया और आम जनता के बीच और भी प्रसिद्ध कर दिया।

 कम उम्र के पुजारी बन रच दिया इतिहास

अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट ने 2024 में 50 नए पुजारियों का चयन किया, और इस चयन में सबसे ज्यादा चर्चा में रहे एक पुजारी थे, मोहित पाण्डेय। मोहित पाण्डेय राम मंदिर के सबसे कम उम्र के पुजारी हैं। उनका चुनाव 3000 विद्वानों के बीच से हुआ था, जो यह दर्शाता है कि वे न केवल योग्यता में अग्रणी थे, बल्कि उनका चयन विशेष रूप से महत्वपूर्ण था।

मोहित पाण्डेय लखनऊ के रहने वाले हैं और तिरुपति देवस्थानम से जुड़े श्री वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय तिरुपति में मास्टर ऑफ आर्ट्स और पीएचडी की तैयारी भी कर रहे हैं। उनका शिक्षा क्षेत्र में गहरा रुझान है और साथ ही वे अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पूजा करने वाले पुजारियों में से एक थे। उनकी उम्र भले ही कम हो, लेकिन उनकी पूजा की विधि और समर्पण ने उन्हें अयोध्या राम मंदिर में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।

दोनों पुजारियों का महत्व और उनके योगदान

Acharya Satyendra Dasऔर मोहित पाण्डेय दोनों ही राम मंदिर के अहम हिस्से हैं और इनके योगदान से मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा और पूजा विधियों में एक विशेष ऐतिहासिक पहचान बनी है।

आचार्य सत्येंद्र दास की भविष्यवाणी और उनका अनुभव मंदिर से जुड़े हर एक काम में महत्वपूर्ण था। वहीं, मोहित पाण्डेय की युवा ऊर्जा और ज्ञान ने उन्हें राम मंदिर के पूजा कर्मों का हिस्सा बनाया।

आचार्य सत्येंद्र दास ने जिस प्रकार से राम मंदिर के संघर्ष को देखा और अपने ज्ञान से मंदिर के पुजारी के रूप में योगदान दिया, वह काबिल-ए-तारीफ है। वहीं, मोहित पाण्डेय की उपस्थिति ने यह साबित किया कि युवा पीढ़ी भी धार्मिक अनुष्ठानों और प्राचीन परंपराओं को पूरी तरह से समझते हुए उसे निभा सकती है।

2024 में राम मंदिर से जुड़े ये दोनों पुजारी न केवल अयोध्या में, बल्कि देश भर में चर्चा का विषय बने। आचार्य सत्येंद्र दास की भविष्यवाणी और मोहित पाण्डेय की कम उम्र में इस महत्वपूर्ण भूमिका में नियुक्ति ने यह साबित किया कि राम मंदिर के पुजारी न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे देश की राजनीति और संस्कृति में भी एक अहम स्थान रखते हैं

Exit mobile version