Car Accident 2025: मुक्तेश्वर से गाजियाबाद लौट रहे परिवार की कार 100 मीटर गहरी खाई में जा गिरी, दो की दर्दनाक मौत

मुक्तेश्वर से गाजियाबाद लौट रहे एक परिवार की कार रामगढ़ में 100 मीटर गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 12 साल की बच्ची और एक युवक की मौत हो गई, जबकि छह लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

Ramgarh Car Accident 2025: गाजियाबाद के एक परिवार के लिए पहाड़ों की सैर एक भयानक हादसे में बदल गई। मंगलवार देर रात मुक्तेश्वर से वापसी के दौरान उनकी कार रामगढ़ के पास अचानक बेकाबू हो गई और लगभग 100 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। कार में आठ लोग थे। इस दुर्घटना में 12 वर्षीय बच्ची लक्ष्मी और 32 वर्षीय सागर की मौके पर ही मौत हो गई। बाकी छह लोग गंभीर घायल हैं और इलाज जारी है।

यह हादसा इतना अचानक हुआ कि आसपास के लोग भी सहम गए। परिवार के लोग इस घटना से सदमे में हैं, जबकि गाजियाबाद में उनके रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है।

कौन थे कार में मौजूद लोग?

यह परिवार गाजियाबाद के शिवपुरी सेक्टर-9, न्यू विजय नगर में रहता है। वे छुट्टियां मनाने मुक्तेश्वर गए थे। कार में परिवार और रिश्तेदारों के कुल आठ लोग थे। मृतकों में सागर, विजेंद्र चौधरी के बेटे, और लक्ष्मी, विकास की बेटी शामिल हैं। घटना के बाद स्थानीय लोगों और पुलिस ने समय रहते बाकी छह लोगों को बाहर निकाल लिया। कई घायलों की हालत नाजुक बताई जा रही है, लेकिन डॉक्टर उनकी जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

हादसे की पूरी कहानी

हादसा बेहद भयावह था। कार अचानक नियंत्रण से बाहर हो गई। ऐसा लगा जैसे ब्रेक ने काम करना बंद कर दिया हो। देखते ही देखते वाहन सीधे गहरी खाई में जा गिरा। जोरदार टक्कर से कार के परखचे उड़ गए।
लक्ष्मी की मौके पर ही मौत हो गई और सागर ने भी दम तोड़ दिया। कार में अंदर अफरा-तफरी मच गई। रात की खामोशी में चीखें गूंज उठीं, लेकिन तुरंत मदद मिलना आसान नहीं था। यह दुर्घटना उस परिवार के लिए जिंदगीभर का गहरा घाव बन गई।

हादसा कब और कहां हुआ?

यह घटना मंगलवार देर रात करीब 11:46 बजे हुई। इमरजेंसी नंबर पर कॉल आते ही स्थानीय पुलिस हरकत में आ गई। हादसा रामगढ़ के उस घुमावदार रास्ते पर हुआ, जहां रात में ड्राइविंग काफी जोखिम भरी मानी जाती है। गहरी खाई और संकरी सड़कें अक्सर खतरा बढ़ा देती हैं। मुक्तेश्वर से ज्यादा दूर नहीं यह जगह अब एक दर्दनाक याद बन गई है।

हादसा क्यों हुआ?

पुलिस का कहना है कि अभी स्पष्ट नहीं है कि कार क्यों बेकाबू हुई। कारण तेज रफ्तार, मोड़ पर फिसलन या रात में कम दिखाई देना हो सकता है। क्या ब्रेक में खराबी थी? क्या ड्राइवर थका हुआ था? इन सवालों के जवाब जांच के बाद मिलेंगे।
लेकिन इतना तय है कि जरा सी बातों की अनदेखी ने दो जिंदगियां छीन लीं और कई को घायल कर दिया।

कैसे बचाई गई बाकी जानें?

कार गिरते ही ग्रामीणों ने चीखें सुनकर तुरंत मदद के लिए दौड़ लगाई। उन्होंने पुलिस को सूचना दी और मिलकर बचाव कार्य शुरू किया। रामगढ़ चौकी प्रभारी गुलाब सिंह कंबोज और उनकी टीम ने रस्सियों की मदद से खाई में उतर कर घायलों को बाहर निकाला। सभी को पहले नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र और फिर गंभीर हालत वाले मरीजों को हल्द्वानी के एसटीटीएच अस्पताल रेफर किया गया। पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई जारी है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

यह घटना एक बार फिर चेतावनी देती है कि पहाड़ी रास्तों पर रात में ड्राइविंग बेहद खतरनाक हो सकती है। परिवार की खुशियों भरी यात्रा एक पल में मातम में बदल गई। अभी सभी की निगरानी की जा रही है और परिवार के लोग इस दुख से उबरने की कोशिश कर रहे हैं।

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