Ramji Lal का पीछा नहीं छोड़ रहा सांगा का ‘भूत’, दलितों से मिलने निकले सुमन को पुलिस ने किया नजरबंद

आगरा में सपा सांसद रामजी लाल सुमन को अलीगढ़ जाते समय पुलिस ने नजरबंद कर दिया। वे एक दलित युवक से मिलने जा रहे थे। सुमन ने भाजपा सरकार पर दलित विरोधी मानसिकता और पुलिसिया भेदभाव के आरोप लगाए।

Ramjilal Suman

Ramji Lal Suman house arrest: आगरा से अलीगढ़ तक सपा सांसद रामजी लाल सुमन की राह फिर टकराई विवादों से। दलित युवक से मिलने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने रास्ता रोका। सुमन बोले– भाजपा सरकार दलितों की आवाज़ दबा रही है, गुंडे खुले घूम रहे हैं और जनप्रतिनिधियों को नज़रबंद किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर गरमी देखने को मिली जब समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद Ramji Lal सुमन को पुलिस ने उनके आगरा आवास में नजरबंद कर दिया। सुमन अलीगढ़ में उस दलित युवक से मिलने जा रहे थे, जिस पर हाल ही में जानलेवा हमला हुआ था। पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देते हुए उन्हें रोक लिया, जिससे सियासी बवाल खड़ा हो गया। इस घटना ने मार्च 2025 की उस टकराव की याद दिला दी जब करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने उनके आवास पर हमला किया था, राणा सांगा पर की गई उनकी टिप्पणी के विरोध में।

धरना, नोकझोंक और दलित उत्पीड़न के आरोप

Ramji Lal सुमन को जब पुलिस ने बाहर निकलने से रोका तो उन्होंने अपने समर्थकों के साथ आवास के बाहर ही धरना शुरू कर दिया। उन्होंने साफ तौर पर आरोप लगाया कि भाजपा सरकार दलितों की आवाज को दबा रही है और अपराधियों को खुली छूट दे रही है। सुमन ने कहा, “हमें हमारे ही घरों में बंद किया जा रहा है जबकि गुंडे खुलेआम घूम रहे हैं। तलवारें लहराने वालों को पुलिस कुछ नहीं कहती, लेकिन हमें रोका जा रहा है।”

उन्होंने यह भी मांग की कि या तो उन्हें अलीगढ़ जाकर पीड़ित परिवार से मिलने दिया जाए, या फिर परिवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिलवाया जाए।

भाजपा सरकार पर तीखे हमले

Ramji Lal सुमन ने भाजपा सरकार पर “सामंती तत्वों” को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों के साथ अन्याय बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “यह selective enforcement है—हमारे खिलाफ तो कड़ी कार्रवाई, लेकिन असल दोषियों को संरक्षण।”

पुलिस ने अब तक इस घटनाक्रम पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन सुमन का विरोध प्रदर्शन समाजवादी पार्टी की पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) रणनीति को फिर से केंद्र में ला रहा है, जो भाजपा की राजनीति को खुली चुनौती देता दिख रहा है।

फिलहाल, सुमन और उनके समर्थक अपने आवास के बाहर डटे हुए हैं और प्रदेश की सियासत में हलचल बनी हुई है।

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