भारत की पहली डिजिटल लेजर Planetarium,यहां आकर लोग हो जाते है रोमांचित

रात के समय आसमान मे अगर हम तारों और नक्षत्रों का अवलोकन करते हैं तो काफी अच्छा महसूस होता है। उस समय आसमान का नजारा बेहद सुंदर होता है और इसी सुंदरता को दर्शाने के लिए आर्यभट्ट नक्षत्रशाला अहम भूमिका निभाती है।

Rampur

Rampur: रात के समय आसमान मे अगर हम तारों और नक्षत्रों का अवलोकन करते हैं तो काफी अच्छा महसूस होता है। उस समय आसमान का नजारा बेहद सुंदर होता है और इसी सुंदरता को दर्शाने के लिए आर्यभट्ट Planetarium अहम भूमिका निभाती है।

यह आर्यभट्ट Planetarium, भारत की पहली डिजिटल लेजर नक्षत्रशाला है, जो खगोलीय अवलोकन का एक अनूठा अनुभव प्रदान करती है। यहां की अत्याधुनिक दूरबीनें और लेजर प्रक्षेपक तकनीक दर्शकों को चंद्रग्रहण जैसी अद्भुत खगोलीय घटनाओं का सुरक्षित और सटीक अवलोकन करने का मौका प्रदान करती हैं।

NASA से प्राप्त अद्यतन डेटा का इस्तेमाल करते हुए, यह नक्षत्रशाला आकाशीय घटनाओं की विस्तृत जानकारी देती है और 3-D अनुभव भी  प्रदान करती है, जिससे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि रखने वाले लोग ज्यादा ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।

रात के समय नक्षत्रों का अवलोकन करना एक बेहद सुंदर नजारा होता है। Rampur की आर्यभट्ट इसी सुंदरता को लोगों तक पहुंचाने के लिए भूमिका निभाती है। यहां की अत्याधुनिक दूरबीनें और लेजर प्रक्षेपक तकनीक दर्शकों को चंद्रग्रहण जैसी अद्भुत खगोलीय घटनाओं का सुरक्षित और सटीक अवलोकन करने का मौका प्रदान करती हैं।

खगोलीय घटनाओं के चित्रण

खगोलीय घटनाओं के चित्रण के लिए पहले इसे भीमराव अंबेडकर Planetarium के नाम से जाना जाता था। यह भारत की पहली डिजिटल लेजर नक्षत्रशाला है, जहां NASA से मिले डेटा के जरिए खगोलीय घटनाओं के चित्र और चित्रोपमा बनाए जाते हैं। ये चित्र लेजर प्रक्षेपक के माध्यम से गुंबद पर प्रदर्शित होते हैं, जिससे दर्शक इन घटनाओं के वैज्ञानिक पहलुओं और उनके प्रभाव को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं।

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विज्ञान और तकनीक

आर्यभट्ट Planetarium, जो 18 सितंबर, 2012 को जनता के लिए खोली गई थी जिसने 3-डी अनुभव और शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से आकाशीय अवलोकन को एक नई दिशा दी है। यहां हर दिन तीन शो आयोजित होते थे, प्रत्येक की अवधि 50 मिनट होती थी।

शो के समय दोपहर 1:00 बजे, 3:00 बजे और 5:00 बजे निर्धारित थे। 30 या अधिक लोगों के समूह के लिए रियायती टिकट की कीमत 10 रुपये थी, जबकि विकलांग व्यक्तियों के लिए प्रवेश नि:शुल्क था। हालांकि, यह नक्षत्रशाला पिछले कई महीनों से बंद है, फिर भी यह विज्ञान और तकनीक के प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान देती रही है।

 

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