अटल की विरासत, मोदी का संकल्प: लखनऊ के ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ से गूंजेगा विकसित भारत का शंखनाद

प्रधानमंत्री मोदी ने लखनऊ में 65 एकड़ में फैले 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' का उद्घाटन किया। 230 करोड़ की लागत से बना यह स्मारक अटल जी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय को समर्पित है, जहाँ उनकी 65 फीट ऊँची भव्य प्रतिमाएं स्थापित हैं।

Rastra Prerna Sthal

Rastra Prerna Sthal: लखनऊ के वसंत कुंज में गोमती किनारे बनने वाला ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ सुशासन और राष्ट्रवाद का नया प्रतीक बनकर उभरेगा। 25 दिसंबर 2025 को अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर पीएम मोदी इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे। कभी गंदगी का अंबार रही यह जमीन अब 65 एकड़ के सुंदर परिसर में तब्दील हो जाएगी। यहाँ स्थापित तीन महान विभूतियों की 65-65 फीट ऊँची कांस्य प्रतिमाएं और कमल के आकार का डिजिटल संग्रहालय इसे देश के सबसे आधुनिक स्मारकों में से एक बनाएगा। यह स्थल न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भारतीय राजनीति के मनीषियों के जीवन दर्शन से भी रूबरू कराएगा।

कूड़े के ढेर से राष्ट्र के गौरव तक का सफर

इस परियोजना की सबसे अद्भुत बात इसका स्थान है। गोमती नदी के किनारे स्थित यह 65 एकड़ की भूमि कभी शहर का ‘डंपिंग यार्ड’ हुआ करती थी। गंदगी और बदबू के कारण लोग यहाँ से गुजरने में कतराते थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने इस बंजर भूमि को एक भव्य सांस्कृतिक केंद्र में बदलने का संकल्प लिया। लगभग 230 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह स्थल आज प्रधानमंत्री के ‘वेस्ट टू वेल्थ’ के विजन का जीता-जागता उदाहरण है।

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वास्तुकला और मुख्य आकर्षण

राष्ट्र प्रेरणा स्थल की भव्यता देखते ही बनती है। यहाँ तीनों विभूतियों की 65-65 फीट ऊँची विशाल कांस्य प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, जिनका वजन लगभग 42 टन है। इन प्रतिमाओं के चरणों में बने जलकुंड और उनके चारों ओर की हरियाली एक शांतिपूर्ण वातावरण निर्मित करती है।

परिसर का मुख्य आकर्षण ‘कमल के आकार का संग्रहालय’ है। दो मंजिला इस डिजिटल म्यूजियम में पांच गैलरी बनाई गई हैं, जो आधुनिक तकनीक के माध्यम से अटल जी की कविताओं, उनके ओजस्वी भाषणों और जनसंघ के कालखंड की कहानियों को जीवंत करती हैं। यहाँ 12 इंटरप्रिटेशन वॉल लगाई गई हैं, जो आगंतुकों को राष्ट्र निर्माण में इन नेताओं के योगदान की विस्तृत जानकारी प्रदान करती हैं।

सुविधाओं से लैस आधुनिक केंद्र

केवल स्मारक ही नहीं, बल्कि यह स्थल जन-सुविधाओं का भी एक बड़ा केंद्र है।

  • रैली ग्राउंड: परिसर में लगभग 2 लाख लोगों की क्षमता वाला एक विशाल मैदान है, जो भविष्य में बड़े राजनीतिक और सामाजिक आयोजनों का गवाह बनेगा।

  • एम्फीथिएटर: यहाँ एक खुला रंगमंच बनाया गया है, जहाँ सांस्कृतिक कार्यक्रम और नुक्कड़ नाटक आयोजित किए जा सकेंगे।

  • योग और ध्यान केंद्र: मानसिक शांति और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष योग एवं विपश्यना केंद्र भी स्थापित किया गया है।

  • इंफ्रास्ट्रक्चर: शहर के बीचों-बीच होने के बावजूद, यहाँ तीन हेलीपैड और चौड़े पाथवे बनाए गए हैं, ताकि यातायात में कोई बाधा न आए।

विरासत का सम्मान: कूड़े के ढेर से खड़ा हुआ राष्ट्रभक्ति का मंदिर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लखनऊ में ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ का भव्य उद्घाटन कर देश को एक नया वैचारिक और सांस्कृतिक केंद्र समर्पित करेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के ऐतिहासिक अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी करीब दो घंटे रहेंगे। वह यहाँ स्थापित अटल जी, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 65 फीट ऊँची विशाल कांस्य प्रतिमाओं का अनावरण करेंगे।

230 करोड़ रुपये की लागत से 65 एकड़ में फैला यह स्थल कभी शहर का कचरा डंपिंग यार्ड था, जिसे अब एक अत्याधुनिक स्मारक में बदल दिया गया है। यह ‘वेस्ट टू वेल्थ’ और राष्ट्रवाद के संगम का प्रतीक है। परिसर में एक अत्याधुनिक डिजिटल संग्रहालय भी बनाया गया है, जहाँ इन महान नेताओं के राष्ट्र निर्माण में योगदान को दर्शाया गया है। लोकार्पण के बाद पीएम मोदी एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे, जिसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और सवा लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में होने वाला यह आयोजन न केवल लखनऊ की पहचान बदलेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सुशासन और देशभक्ति की प्रेरणा का मुख्य केंद्र बनेगा।

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