Fake RAW Officer Fraud: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की नोएडा यूनिट ने ग्रेटर नोएडा में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है जो खुद को भारतीय खुफिया एजेंसी RAW (रॉ) का उच्च अधिकारी बताता था। आरोपी की पहचान बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले सुनीत कुमार के रूप में हुई है। वह थाना सूरजपुर क्षेत्र स्थित पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट सोसायटी में छिपा हुआ था, जहाँ रविवार शाम को एसटीएफ ने दबिश देकर उसे पकड़ा।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि सुनीत कुमार लंबे समय से दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय था और लोगों को सरकारी काम करवाने, जाँच प्रभावित करने, या उच्च-स्तरीय संपर्क होने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी कर चुका है। प्रारंभिक जाँच में सामने आया है कि वह संगठित तरीके से धोखाधड़ी का नेटवर्क चला रहा था और एक फर्जी कंपनी बनाकर शेयर बाजार के नाम पर ठगी करने की फिराक में था। पुलिस ने उसे एक बड़ी साजिश को अंजाम देने से पहले ही दबोच लिया।
आरोपी के फ्लैट से मिले भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और नकदी
एसटीएफ की टीम ने जब आरोपी Fake RAW Officer सुनीत कुमार के फ्लैट की तलाशी ली, तो भारी मात्रा में संदिग्ध और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए। इन दस्तावेजों में एक फर्जी RAW अधिकारी की आईडी और पहचान पत्र पर लगी उसकी फोटो शामिल है। इसके अलावा, उसके पास से 5 पैन कार्ड, 2 आधार कार्ड, 3 वोटर आईडी, कई अलग-अलग बैंकों की चेक बुक, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, और 17 विभिन्न नामों पर तैयार किए गए एग्रीमेंट भी मिले हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपी के बैंक खातों में लगभग 40 लाख रुपये की राशि मिली है, जिसे एसटीएफ ने तत्काल फ्रिज (जब्त) करवा दिया है। एसटीएफ अब इन पैसों के स्रोत की जाँच कर रही है कि कहीं यह लोगों से ठगी गई रकम तो नहीं है।
फर्जी पहचान का उपयोग कर असली नाम छुपाता था ठग
जाँच में पता चला है कि आरोपी Fake RAW Officer सुनीत कुमार कई फर्जी पहचानों का इस्तेमाल करता था। वह अलग-अलग नामों पर बैंकिंग दस्तावेज, एग्रीमेंट और आईडी बनाकर अपने असली नाम को छुपाता था। उसका यह तरीका किसी भी जाँच एजेंसी को उसकी गतिविधियों का आसानी से पता न चलने देने के लिए था।
एसटीएफ अब उससे गहन पूछताछ कर रही है ताकि उसके नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों का पता लगाया जा सके और यह भी जाना जा सके कि उसने अब तक कितने लोगों को ठगा है। एसटीएफ अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि बरामद किए गए सभी दस्तावेजों की बारीकी से जाँच की जाएगी और उन सभी लोगों की पहचान की जाएगी, जिनके नाम पर फर्जी पहचान बनाई गई थी। फिलहाल, आरोपी Fake RAW Officer के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है।
