सीएम योगी की ‘मुहिम’ पर गृहमंत्री अमित शाह ने लगाई ‘मुहर’, अब परशुरामपुरी के नाम जाना जाएगा यूपी का ये शहर

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद की तहसील जलालाबाद का नाम बदल दिया गया है। अब ये नगर भगवान परशुराम के नाम परशुरामपुरी के तौर जाना जाएगा।

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद की तहसील जलालाबाद का नाम बदल दिया गया है। अब ये नगर भगवान परशुराम के नाम परशुरामपुरी के तौर जाना जाएगा। इस संबंध में गृह मंत्रालय की तरह से पत्र जारी कर दिया गया है। सरकार के फैसले से केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ का आभार जताया है।

दरअसल, भगवान परशुराम की जन्मस्थली के रूप में जलालाबाद को तीन वर्ष पूर्व योगी सरकार ने पर्यटन स्थल घोषित कर दिया था। यहां पर सुंदरीकरण के कार्य भी चल रहे हैं। तहसील का नाम परशुरामपुरी घोषित करने की मांग लंबे समय से हो रही थी। केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग, आइटी एवं इलेक्ट्रानिक्स राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने भी इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखते हुए क्षेत्र का नामकरण परशुरामपुरी किए जाने का आग्रह किया था।

24 मार्च को नगर पालिका जलालाबाद की बोर्ड बैठक में भी इस संबंध में प्रस्ताव पारित करके शासन को भेजा गया था, जिसके बाद डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने 16 अप्रैल को पत्र लिखकर अपनी रिपोर्ट प्रमुख सचिव नगर विकास को भेजते हुए जलालाबाद का नाम परशुरामपुरी या परशुराम धाम किए जाने का अनुरोध किया था। इसी के बाद जून में सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शासन की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव को इस संबंध में पत्र भेजा गया था

गृहमंत्रालय ने योगी सरकार की मांग को मानते हुए शाहजहांपुर के जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी कर दिया। जिस पर केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा है, ‘शाहजहांपुर स्थित जलालाबाद का नाम परिवर्तित कर ’परशुरामपुरी’ करने की अनुमति देने पर गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद एवं आभार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आए इस निर्णय ने संपूर्ण सनातनी समाज को गर्व का क्षण प्रदान किया है।

जानकार बताते हैं कि जलालाबाद भगवान परशुराम की जन्मस्थली है। वहां भगवान परशुराम का काफी पुराना ऐतिहासिक मंदिर भी है। इसलिए जलालाबाद का नाम परशुरामपुरी रखे जाने की मांग की जाती रही है। भगवान परशुराम की यह नगरी आसपास क्षेत्र में ही नहीं बल्कि दूरदराज जनपदों के लोगों की आस्था से जुड़ी रही है। भगवान परशुराम की इस नगरी को शासन की ओर से 24 अप्रैल 2022 को जन्मस्थली घोषित किया गया था। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने मंदिर प्रांगण में आयोजित सभा में इसकी घोषणा की थी। इस दौरान उन्होंने मंदिर प्रांगण का सुंदरीकरण करते हुए पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कराने का वादा भी किया था।

जन्मस्थली घोषित होने के बाद मंदिर प्रांगण के सुंदरीकरण और श्रद्धालुओं की सुविधा से जुड़े विभिन्न तरह के कार्य कराने के लिए मुख्यमंत्री संवर्धन योजना के तहत 19 करोड़ की धनराशि प्रदेश सरकार ने मंजूर की थी। इसके अलावा सरकार ने मंदिर के पास स्थित करीब 42 एकड़ के रकबे वाले तालाब के पानी को साफ सुथरा करने, इस पर घाट, सीढ़ियां और पाथ-वे का निर्माण करने, रामताल के किनारे से ही मंदिर तक सीधा व चौड़ा रास्ता बनाने सहित विभिन्न अन्य तरह के कार्यों के लिए अमृत सरोवर योजना के तहत 11 करोड़ की धनराशि अलग से मंजूर की थी। इस धनराशि से दोनों जगहों पर कार्य चल रहे हैं।

 

Exit mobile version