Agra honor killing: उत्तर प्रदेश के आगरा में एक दहला देने वाला ‘ऑनर किलिंग’ का मामला सामने आया है। एक रिटायर्ड दरोगा ने अपनी 32 वर्षीय बेटी, अंशु यादव की गला दबाकर हत्या कर दी, क्योंकि वह अपने प्रेमी से शादी करने पर अड़ी थी। यह जघनसनी अपराध तब हुआ जब बेटी के प्रेमी ने सार्वजनिक रूप से ऐलान कर दिया कि वह 30 अक्टूबर को उससे शादी करेगा। इज्जत नीलाम होने के डर से पिता ने 25 अक्टूबर को इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने इस मामले में रिटायर्ड दरोगा रणवीर यादव, उसके बेटे और साले के बेटे को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दरोगा की पत्नी और साले की बहू अभी भी फरार हैं।
इस पूरी घटना का खुलासा तब हुआ जब प्रेमी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। यह घटना दिखाती है कि प्रेम संबंधों को लेकर परिवार की झूठी शान के नाम पर कैसे एक बेटी की जान ले ली गई।
प्रेमी के ऐलान से भड़का दरोगा, पांच घंटे घर में रखा शव
Agra पुलिस जांच में सामने आया कि रिटायर्ड दरोगा रणवीर यादव को जब पता चला कि बेटी का प्रेमी अनुराग यादव (जो रिश्ते में उसका भतीजा लगता है) 30 अक्टूबर को अंशु से शादी करने का ऐलान कर चुका है, तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। 25 अक्टूबर की सुबह करीब 10 बजे उन्होंने बेटी को बुलाया और उसे अनुराग से रिश्ता खत्म करने को कहा। बेटी ने जब साफ इनकार कर दिया, तो पिता ने गुस्से में दुपट्टे से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
डीसीपी पश्चिम अतुल शर्मा ने बताया कि हत्या के बाद परिवार सदमे में आ गया और लगभग पाँच घंटे तक शव घर में ही पड़ा रहा, जहां घरवालों ने इसे ठिकाने लगाने पर विचार-विमर्श किया।
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हत्या का समय: 25 अक्टूबर की सुबह करीब 10 बजे।
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हत्या का तरीका: दुपट्टे से गला घोंटना।
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शव को रखने की अवधि: 5 घंटे तक घर में।
इटावा ले जाकर यमुना में फेंका शव
पाँच घंटे के विचार-विमर्श के बाद, रणवीर यादव ने अपनी पत्नी सुधा के साथ बेटी का शव कार की डिग्गी में रखा और इटावा के लिए रवाना हो गए। इटावा में उन्होंने अपने साले के बेटे सतीश यादव और उसकी पत्नी किरन की मदद ली। इन चारों ने मिलकर शव को भिंड मार्ग पर यमुना नदी में फेंक दिया। सतीश और किरन ने शव को ठिकाने लगाने में दरोगा की मदद की थी।
हाईकोर्ट की याचिका बनी खुलासा का कारण
अगर प्रेमी अनुराग यादव शांत बैठ जाता, तो यह ‘ऑनर किलिंग’ का सनसनीखेज मामला शायद कभी नहीं खुल पाता। रणवीर यादव 2022 में दरोगा पद से रिटायर हुआ था और पुलिस की कार्यप्रणाली से अच्छी तरह वाकिफ था।
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गुमशुदगी की झूठी तहरीर: 30 नवंबर 2025 को दरोगा ने मलपुरा थाने में बेटी के गुमशुदगी की तहरीर दी, जिसमें उसने बताया कि बेटी 25 अक्टूबर से लापता है।
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प्रेमी की याचिका: इसी बीच, अनुराग यादव ने 30 नवंबर 2025 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर दी।
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वीडियो सबूत: पुलिस ने अनुराग से संपर्क किया, जिसने अंशु का एक 29 सेकेंड का वीडियो दिखाया। इस वीडियो में अंशु ने अपनी जान को खतरा बताते हुए कहा था कि उसके माता-पिता और भाई उसे मारना चाहते हैं क्योंकि वह अनुराग से प्यार करती है और शादी करना चाहती है।
हाईकोर्ट की याचिका की जानकारी मिलने पर पुलिस ने रणवीर यादव से सख्ती से पूछताछ की। सर्विलांस की मदद से 25 अक्टूबर को उसके इटावा जाने की पुष्टि हुई, जिसके बाद रणवीर टूट गया और उसने सारा सच उगल दिया।
कंकाल की होगी डीएनए जांच
Agra पुलिस ने घटनास्थल से बरामद कंकाल और उसके सुरक्षित मिले जबड़े के दांतों की डीएनए जांच कराने का फैसला किया है।
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डीएनए जांच के लिए अंशु के माता-पिता के खून के नमूने लिए जाएंगे।
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घटनास्थल पर मिले कपड़े भी अंशु के थे, जो एक फोटो में उसने पहने थे।
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प्रेमी अनुराग यादव इस हत्याकांड के मुकदमे में मुख्य गवाह बनेगा।
Agra पुलिस ने रिटायर्ड दरोगा रणवीर यादव, उसके बेटे गौरव यादव और साले के बेटे सतीश यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। रणवीर की पत्नी सुधा और सतीश की पत्नी किरन अभी वांछित हैं और उनकी तलाश जारी है।
