Road Safety:सड़क सुरक्षा पर मुख्यमंत्री योगी का ज़ो,हर तीन महीने में बस चालकों की मेडिकल जांच हुई अनिवार्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर तीन महीने में बस चालकों की मेडिकल फिटनेस जांच अनिवार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही सड़क सुरक्षा, इलेक्ट्रिक वाहनों और जन-जागरूकता पर विशेष जोर दिया ताकि हादसों में कमी लाई जा सके।

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Chief Minister Yogi’s Focus on Road Safety:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर तीन महीने में बस चालकों की मेडिकल जांच कराना अनिवार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस जांच में खासतौर पर आंखों की जांच जरूरी है ताकि दृष्टि दोष के कारण हादसे न हों। साथ ही उन्होंने सख्त निर्देश दिया कि फाइलों को लटकाने की आदत बंद की जाए और जनसुनवाई को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। टीमवर्क मजबूत होगा तो परिणाम जल्दी मिलेंगे।

सड़क सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क पर अंदाजे से गाड़ी चलाने की छूट नहीं दी जा सकती। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के पास देश में सबसे बड़ा बेड़ा है। बड़ी संख्या में सेवाएं देना उपलब्धि है, लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी भी बढ़ती है। उन्होंने रक्षाबंधन पर बहनों को तीन दिन मुफ्त बस सेवा देने की योजना को सराहा और कहा कि ऐसे कार्यों का प्रचार अच्छे तरीके से करना चाहिए। सड़क हादसे बड़ी चिंता का विषय हैं, खासकर युवाओं की मौत से परिवार टूट जाते हैं।

सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क पर चलने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा परिवहन विभाग की जिम्मेदारी है। यदि किसी यात्री की जान बचती है तो विभाग की अच्छी छवि बनती है, लेकिन लापरवाही से जान जाने पर बदनामी होती है। इसलिए सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है। इसके लिए आईआईटी जैसी संस्थाओं की मदद, पुलिस व अन्य विभागों का समन्वय और स्कूलों में ट्रैफिक नियमों की शिक्षा जरूरी है।

कड़े नियम और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल

हेलमेट पहनना, सीट बेल्ट लगाना, नशे में गाड़ी न चलाना और ओवरस्पीडिंग पर कड़े नियम लागू किए जाएं। मीडिया, सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए इन नियमों का प्रचार-प्रसार बढ़ाना चाहिए। कानून भले कठोर लगे, लेकिन यही जीवन की सुरक्षा की गारंटी है।

इलेक्ट्रिक वाहन और पर्यावरण संरक्षण

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेट जीरो एमिशन लक्ष्य को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना जरूरी है। बस स्टेशन विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस हों और सड़कों पर अव्यवस्थित वाहन खड़े न रहें। इसके लिए निजी क्षेत्र को जोड़ा जा सकता है और पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग को बढ़ावा देना चाहिए। इससे प्रदूषण और हादसों का खतरा कम होगा।

भविष्य की योजना और जवाबदेही

मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग से अल्पकालिक, मध्यम और दीर्घकालिक योजनाएं बनाने को कहा। साथ ही ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स को मजबूत कर जवाबदेही के साथ काम करने की बात कही। उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन और आधुनिक तकनीक से उत्तर प्रदेश को सुरक्षित व विकासशील प्रदेश बनाया जा सकता है। सभी वर्गों की भागीदारी से हादसों को न्यूनतम किया जा सकता है।

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