Sajid Rashidi slap video: नई दिल्ली के एक टीवी स्टूडियो में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब समाजवादी पार्टी के नेता कुलदीप भाटी ने लाइव डिबेट के दौरान मौलाना साजिद रशीदी को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। ये हमला डिंपल यादव पर मौलाना द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी के विरोध में हुआ, जिसे उन्होंने “इस्लाम विरोधी” कहकर मस्जिद प्रवेश को मुद्दा बनाया था। रशीदी की इस टिप्पणी पर देशभर में बवाल मचा और उनके खिलाफ लखनऊ के विभूतिखंड थाने में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। लेकिन भाटी का ये थप्पड़ अब राजनीतिक गलियारों में नए तूफान की दस्तक बन गया है। क्या यह अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला है या महिलाओं की गरिमा की रक्षा? देशभर में बहस तेज़ है।
समाजवादी पार्टी की सांसद डिम्पल यादव जी के ऊपर अभद्र टिप्पणी करने वाले मौलाना साजिद रशीदी मे लगे तमाचे, गौतमबुद्धनगर के सपा नेता कुलदीप भाटी ने उड़ाए मौलाना के ऊपर तमाचे, फिलहाल मौलाना की सेहत मे सुधार है!! pic.twitter.com/Lw3fdvLWSr
— Adv Vipin Nagar (@VipinNagarX) July 29, 2025
टीवी डिबेट में उफान पर पहुंचा विवाद
नोएडा के सेक्टर-126 स्थित एक निजी चैनल के स्टूडियो में उस वक्त अराजकता फैल गई जब लाइव डिबेट के दौरान समाजवादी पार्टी के युवा नेता कुलदीप भाटी ने मंच साझा कर रहे मौलाना साजिद रशीदी को तमाचा जड़ दिया। मौलाना हाल ही में डिंपल यादव पर यह कहकर विवादों में आ गए थे कि उन्होंने बिना सिर ढके मस्जिद में प्रवेश कर “इस्लाम का अपमान” किया। इस बयान को महिलाओं की स्वतंत्रता और धार्मिक अधिकारों पर सीधा हमला माना गया, जिससे समाज में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।
कानूनी शिकंजा, सियासी गरमाहट
Sajid Rashidi के खिलाफ लखनऊ के विभूतिखंड थाने में भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 79, 196, 197, 299, 352, 353 और IT एक्ट की धारा 67 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला कानून के स्तर पर भी तूल पकड़ चुका है, वहीं अब थप्पड़ कांड ने इसे पूरी तरह से राजनीतिक मोड़ दे दिया है। वीडियो फुटेज में भाटी का गुस्सा साफ देखा जा सकता है, जबकि अन्य पैनलिस्ट उन्हें रोकते नजर आते हैं।
सपा का रुख स्पष्ट, रशीदी समर्थकों में रोष
सपा नेता प्रवेश यादव ने घटना को लेकर साफ कहा, “ये सिर्फ डिंपल यादव नहीं, बल्कि करोड़ों महिलाओं का अपमान था। हमारा विरोध लोकतांत्रिक है, लेकिन जनता का गुस्सा भी जायज़ है।” वहीं मौलाना रशीदी के समर्थकों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए सपा नेताओं की निंदा की है। उनका कहना है कि किसी भी विचार से असहमति हो सकती है, लेकिन हिंसा किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।
चुनावी माहौल में नया तूफान
यह घटना ऐसे वक्त पर हुई है जब देश में चुनावी माहौल गर्म है। महिलाओं के सम्मान, धार्मिक भावनाओं और राजनीतिक शालीनता की बहस अब नए सिरे से शुरू हो गई है। क्या ये थप्पड़ आने वाले चुनावों में वोटबैंक पर असर डालेगा? क्या मौलाना का बयान और थप्पड़ की प्रतिक्रिया राजनीतिक ध्रुवीकरण को और बढ़ावा देगी? इन सवालों के जवाब अगले कुछ दिनों में सामने आएंगे।
नजरें अब अगली चाल पर टिकी हैं – राजनीति गरमा चुकी है, सड़कों से संसद तक बहस तय मानी जा रही है।
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