लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के कन्नौज में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए सपा नेता ने गजब का दिमाग लगाया। उसने टांड के अंदर खुद को कैद कर रखा था। किसी को शक न हो इसके लिए सपा के कैश खान ने गद्दे भी रखे हुए थे और उसी के अंदर छिपकर जनाब बैठे हुए थे। लेकिन ये यूपी पुलिस है। अपराधी चाहे जितने जतन कर ले, लेकिन उसका बच पाना मुममिन ही नहीं बल्कि नामुमकिन हैं।
दरअसल, कन्नौज के बालापीर मोहल्ले में सपा के पूर्व जिला कोषाध्यक्ष कैश खान के छिपे होने की जानकारी पुलिस को हुई। पुलिस ने सबसे पहले कैश खान के घर पर छापा मारा। कैश खान के घर की तलाशी ली। हर कमरे में झांका, दरवाजों और अलमारी के कोनों तक देखा, लेकिन कैश खान का कहीं भी नजर नहीं आया। निराश होकर पुलिस ने उसके भाई के घर का रुख किया। वहां भी सब कुछ सामान्य लग रहा था, कैश कहीं नहीं दिखा। लेकिन तभी अचानक, पुलिस की नजर एक कमरे के टांड़ पर पड़ी।
कुछ अलग तरह का बड़ा पर्दा देख पुलिस को शक हुआ। सभी की सांसें थम गईं। धीरे-धीरे पुलिस ने पर्दा हटाया और देखा कि वहां सिर्फ गद्दा पड़ा है। गद्दे को हिलाया गया और जैसे ही पुलिस ने उसे उठाया गया सामने का सीन देख सब हंसने के साथ चौक पड़े। गद्दे के पीछे कैश खान लेटा हुआ था, पूरी तरह छिपा हुआ, शायद सोच भी नहीं सकता था कि पुलिस उसे पकड़ पाएगी। पुलिस ने तुरंत उसे गिरफ्तार किया और अपने साथ ले गई। सभी हैरान थे कि कैसे गद्दे के पीछे छुपा रह सकता था।
शहर के वालापीर मोहल्ले के रहने वाले सपा नेता कैश खां को 1 महीने पहले जिला बदर किया गया था। इसके बावजूद मोहल्ले में एक घर में उसके छिपे होने की सूचना पुलिस को मिली तो कोतवाली प्रभारी ने दबिश देकर कमरे की टांड़ से उसे पकड़ लिया। कैश खां का आपराधिक इतिहास पुलिस ने खंगाला तो उनके खिलाफ प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व अधिनियम की धारा 30(ए), 30(बी) में केस दर्ज मिला। कैश खान पर पहले पांच मुकदमे दर्ज थे। जिसमें एक और केस जुड़ गया और टोटल मुकदमो की संख्या अब 6 हो गई है।
कैश खां पर वर्ष 2017 में धारा 292, 295ए, 153ए के तहत केस दर्ज हुआ। वर्ष 2023 में धारा 147, 452, 323, 504, 506, 325 और धारा 452, 324, 323, 504, 506 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज है। इसी प्रकार वर्ष 2024 में धारा 323, 504, 506, 324, 325 में केस दर्ज है। इसके अलावा धारा 131, 352, 351(3) बीएनएस, धारा 135 में केस दर्ज हैं। पुलिस ने कैश खां के खिलाफ उत्तर प्रदेश गुंडा अधिनियम की धारा 3/10 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। कैश खान को पुलिस ने जिलाबदर किया हुआ था। लेकिन वह छिपकर अपने घर पर रह रहा था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक कैश खान लंबे समय से विवादित गतिविधियों में सक्रिय रहा है, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के कारण कार्रवाई ठंडी पड़ती रही। वहीं जैसे ही गिरफ्तारी की खबर फैली, समाजवादी पार्टी के स्थानीय खेमे में हलचल मच गई। कैश खान को पार्टी का प्रभावशाली चेहरा माना जाता था. उसकी पकड़ न सिर्फ सियासत में, बल्कि प्रशासनिक हलकों तक बताई जाती रही है। यही वजह रही कि पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने साफ कहा कि आरोपी पर गुंडा एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई होगी। जिला बदर के बावजूद, जिले में छिपे रहने को गंभीर अपराध माना गया है।