Sambhal Temple: उत्तर प्रदेश के संभल जिले के खग्गू सराय क्षेत्र में 46 साल बाद खोला गया “प्राचीन सम्भलेश्वर महादेव” मंदिर अब सुर्खियों में है। पहले महादेव की प्रतिमा के दर्शन हुए थे, और अब वहां खुदाई के दौरान मां पार्वती की खंडित प्रतिमा भी मिली है। इस मंदिर के खोलने से इलाके में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। हालांकि, Sambhal पुलिस ने इस खंडित प्रतिमा को अपने साथ थाने ले जाकर सुरक्षित कर लिया है। इस घटनाक्रम ने न केवल धार्मिक भावनाओं को जगाया, बल्कि सुरक्षा और प्रशासनिक कदमों को भी चर्चा में ला दिया।
संभल के खग्गू सराय में स्थित इस मंदिर को 46 साल बाद खोला गया। 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद यह मंदिर बंद कर दिया गया था, जब हिंदू परिवारों ने इलाके से पलायन कर लिया था। अब फिर से श्रद्धालु मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचने लगे हैं। मंदिर में पहले महादेव की मूर्ति मिल गई थी, अब खुदाई के दौरान मां पार्वती की खंडित मूर्ति भी प्राप्त हुई है, जो धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। हालांकि, इस मूर्ति को पुलिस ने कब्जे में लेकर आगे की जांच के लिए थाने में भेज दिया है।
सच्चाई और सबूत कभी मिटते नहीं!
संभल में कुएं की खुदाई के दौरान मिली 2 मूर्ति
संभल में कुएं की खुदाई के दौरान मिली 2 मूर्ति#Sambhal @sambhalpolice pic.twitter.com/13WOzMzycp
— News1India (@News1IndiaTweet) December 16, 2024
इस बीच, मंदिर के आसपास सुरक्षा की व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि मंदिर की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और एक कंट्रोल रूम भी बनाया जा रहा है। ताकि किसी प्रकार की अराजकता न हो और मंदिर में शांति बनी रहे। मंदिर के पुनः खोलने से पहले अतिक्रमण हटाया गया और परिसर को साफ किया गया।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए सवाल उठाया कि इतने सालों तक इस मंदिर को बंद क्यों रखा गया। उन्होंने 46 साल पहले हुए Sambhal सांप्रदायिक दंगों की घटनाओं को भी याद किया और पूछा कि जिन लोगों ने इस मंदिर को नुकसान पहुँचाया, उन्हें आज तक सजा क्यों नहीं दी गई।
Sambhal के डीएम राजेंद्र पेंसिया ने मंदिर की कार्बन डेटिंग कराने की मांग की है, ताकि इस प्राचीन मंदिर की सही उम्र का पता चल सके। मंदिर के पास एक अमृत कूप भी मिला है, जिसकी जांच की जा रही है। 46 साल बाद मंदिर के खुलने से स्थानीय लोग खुशी का इज़हार कर रहे हैं और इस प्राचीन स्थल के धार्मिक महत्व को फिर से महसूस कर रहे हैं।