लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। शाही जामा मस्जिद के सर्वे के बाद संभल में हिंसा भड़की। जिसके बाद से पुलिस-प्रशासन कल्कि भगवान के शहर की कायाकल्प करने को लेकर अभियान चला रहा है। बावड़ी से लेकर प्राचीन मंदिरों पर पड़े ताले खुलवाए जा रहे हैं तो वहीं चंदौसी में भगवान राम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण कार्य लगभग पूरा होने वाला है। सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ फरवरी में इस भव्य और विशालकाय प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे। राम बाग धाम ट्रस्ट इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।
फरवरी में बनकर तैयार हो जाएगी प्रतिमा
राम बाग धाम के रामलीला मैदान में बनाई जा रही इस प्रतिमा में भगवान राम एक हाथ में धनुष पकड़े होंगे, जबकि दूसरे हाथ से भक्तों को आशीर्वाद देते हुए दिखाई देते हैं। राम बाग धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक कुमार फैंसी ने कहा कि प्रतिमा का निर्माण 31 मई 2023 को शुरू हुआ था और अब यह अपने अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा, प्रतिमा लगभग पूरी हो चुकी है, केवल पेंटिंग का काम बाकी है। इसके फरवरी 2025 तक तैयार होने की उम्मीद है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अयोध्या के बाद संभल में भी रामराज का शंखनाद हो चुका है। जनपद में भी रामराज की स्थापना का मार्ग तेजी से आगे बढ़ रहा है।
अपनी तरह की सबसे ऊंची मूर्ति
राम बाग धाम ट्रस्ट के सचिव अमित कुमार ने मूर्ति की अनूठी विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान राम की यह भव्य और दिव्य मूर्ति देश में अपनी तरह की सबसे ऊंची मूर्ति होगी। उन्होंने कहा, यह मूर्ति अनूठी इसलिए है क्योंकि भगवान राम की निगाह नीचे की ओर है, जो विनम्रता का प्रतीक है। बताया कि इसमें भगवान राम एक हाथ में धनुष पकड़े हुए है और दूसरे हाथ से आशीर्वाद दे रहे हैं। मूर्ति के चारों ओर एक अशोक वाटिका है। साथ ही हनुमान और गरुड़ की मूर्तियां भी हैं। बताया, ण्2हमने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मूर्ति का उद्घाटन करने का अनुरोध किया है और हमें उम्मीद है कि यह कार्यक्रम जल्द ही होगा।
25 लाख रुपये खर्च
राम बाग धाम में रामलीला परिषद के उपाध्यक्ष अमित कुमार अप्पू ने कहा, जब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ, तो हमने चंदौसी के राम बाग धाम में भगवान राम की सबसे ऊंची मूर्ति स्थापित करने के बारे में सोचा। उन्होंने बताया कि अब तक निर्माण पर लगभग 25 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं। अमित कुमार अप्पू ने बताया कि इस भव्य, दिव्य और नव्य प्रतिमा के चारों ओर परिक्रमा पथ बनाया गया है, जिससे श्रद्धालु भगवान राम की परिक्रमा कर सकें और उनके प्रति सम्मान प्रकट कर सकें। ट्रस्ट के सदस्यों के अनुसार, प्रतिमा के बन जाने के बाद चंदौसी की आध्यात्मिक केंद्र के रूप में प्रतिष्ठा बढ़ेगी।