Sambhal BJP leader murder: उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता गुलफाम सिंह यादव की बेरहमी से हत्या कर दी गई। 60 वर्षीय राजनेता पर जुनावई पुलिस क्षेत्र के दफ्तरा गांव में उनके खेत पर हमला किया गया। तीन अज्ञात हमलावर मोटरसाइकिल से पहुंचे और उनसे मुलाकात की। बातचीत के दौरान, उन्होंने पानी मांगा और पीने के बाद जब यादव आराम करने के लिए लेटे, तो एक हमलावर ने उनके पेट में जहरीला पदार्थ डाल दिया। जहर का असर होते ही यादव दर्द से तड़पने लगे और उनकी मौत हो गई। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी।
Sambhal पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि हत्या के पीछे जुनावई के मौजूदा ब्लॉक प्रमुख महेश यादव का हाथ था, जो गुलफाम यादव की राजनीतिक गतिविधियों से असुरक्षित महसूस कर रहा था। हत्या को अंजाम देने के लिए ₹5 लाख की सुपारी दी गई थी, जिसमें छह अन्य आरोपी शामिल थे। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की गहन जांच जारी है।
राजनीतिक रंजिश बनी हत्या की वजह
गुलफाम यादव का राजनीतिक कद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मजबूत था। 2004 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ गुन्नौर विधानसभा उपचुनाव लड़ा था, जिससे उन्हें पहचान मिली। भाजपा में वे कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे, जिसमें पश्चिमी यूपी इकाई के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष और राज्य कार्यकारी सदस्य के रूप में कार्य शामिल था।
उनकी पत्नी जावित्री देवी वर्तमान में डभौरा हिमाचल गांव की प्रधान हैं और उनका बेटा दिव्य प्रकाश यादव पूर्व में जुनावई का ब्लॉक प्रमुख रह चुका है। गुलफाम यादव की बढ़ती राजनीतिक पकड़ ने उनके विरोधियों को असहज कर दिया था, खासकर महेश यादव को, जो अपने पद को लेकर चिंतित था।
सुपारी देकर करवाई गई थी हत्या
Sambhal पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि महेश यादव ने सत्ता बचाने के लिए ₹5 लाख की सुपारी देकर गुलफाम यादव की हत्या करवाई। इस साजिश में धर्मवीर यादव, रवि यादव, मुकेश यादव, विकास, रामनिवास और सुधीर शामिल थे। उन्होंने यादव को मारने के लिए जहरीले इंजेक्शन का इस्तेमाल किया।
पुलिस जांच में बड़े खुलासे
Sambhal एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई की अगुवाई में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया। पोस्टमार्टम में जहर की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन आरोपियों के बयान से हत्या का षड्यंत्र साफ हो गया। यह घटना राजनीतिक हिंसा की खतरनाक सच्चाई को उजागर करती है, जिसने संभल की राजनीति को झकझोर कर रख दिया है।