अब ‘आतंकी गढ़’ पर ताला! सांपों का डर दिखाकर रोकी गई चौकी का संभल के दीपा सराय में हुआ उद्घाटन।

संभल के सबसे संवेदनशील माने जाने वाले दीपा सराय में आज नई पुलिस चौकी का उद्घाटन किया गया, जो शाही जामा मस्जिद सर्वे के बाद सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने की पहल है। इस क्षेत्र का संबंध पहले सांप्रदायिक तनाव और आतंकी गतिविधियों से रहा है, जहाँ चौकी के निर्माण को रोकने के लिए पुलिस पर सांप तक छोड़े जाते थे।

Sambhal Deepa Sarai Police Chowki

Sambhal Deepa Sarai Police Chowki: उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए आज सांसद बर्क के गढ़ कहे जाने वाले दीपा सराय इलाके में एक नई पुलिस चौकी का उद्घाटन किया गया है। यह इलाका लंबे समय से सांप्रदायिक तनाव और कुख्यात अपराधियों, यहाँ तक कि अंतरराष्ट्रीय आतंकी कनेक्शन के कारण संवेदनशील रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि पहले यहाँ पुलिस चौकी का निर्माण रोकने के लिए ‘सांपबाज’ मुल्ला अरशद जैसे अपराधियों द्वारा Sambhal पुलिसकर्मियों को डराने के लिए परिसर में सांप तक छोड़े जाते थे, जिससे पहले यहाँ चौकी नहीं बन पाई थी।

अब इस चौकी के बनने से न केवल स्थानीय आपराधिक इतिहास पर लगाम लगेगी, बल्कि AQIS के आतंकी और दुबई में बैठे डॉन शारीक साठा जैसे तत्वों के संभावित अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन को भी खत्म करने में मदद मिलेगी। इस चौकी की नींव एक मुस्लिम बच्ची इनाया ने रखी, जो सामुदायिक सौहार्द का प्रतीक बनी।

चौकी बनने से इलाके के आपराधिक इतिहास पर लगेगी लगाम

Sambhal में आज जिस दीपा सराय पुलिस चौकी का उद्घाटन किया गया, पहले यहाँ कोई पुलिस चौकी नहीं थी। सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के प्रयासों को अतीत में कई बार स्थानीय कुख्यात अपराधियों द्वारा विफल करने की कोशिश की गई। जानकारी के अनुसार, Sambhal पुलिस चौकी न बने इसके लिए ‘सांपबाज’ मुल्ला अरशद जैसे अपराधी पुलिस के बैठने की जगह पर अक्सर सांप छोड़ दिया करते थे, जिससे पुलिसकर्मियों को वहाँ से हटना पड़ता था।

यह इलाका 1978 के संभल दंगों का भी केंद्र बिंदु रहा है। इसके अलावा, इसका संबंध आतंकी गतिविधियों से भी रहा है, जिसमें संभल हिंसा में गिरफ्तार किया गया AQIS का आतंकी और दुबई में बैठा डॉन शारीक साठा भी इसी दीपा सराय का निवासी है। एक अन्य मामला 2012 से लापता उस्मान का भी है, जिसके कट्टरपंथी ताल्लुकात सामने आए थे और वह बाद में पाकिस्तान की जेल में मिला।

मंगलवार, 4 मार्च 2025 को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ इस चौकी का शिलान्यास समारोह आयोजित किया गया था, जिसकी नींव एक मुस्लिम बच्ची इनाया ने रखी, जो सामुदायिक सौहार्द की एक महत्वपूर्ण मिसाल बनी। यह चौकी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर बनाई गई है, जहाँ से कुछ ही दूरी पर सांसद का आवास भी मौजूद है। पुलिस-प्रशासन का मानना ​​है कि इस चौकी के स्थापित होने से संभल के साथ ही अंतरराष्ट्रीय आतंकी कनेक्शन को भी खत्म करने की कोशिश की जाएगी और क्षेत्र में शांति व्यवस्था मजबूत होगी।

Exit mobile version