लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। संभल हिंसा के बाद आईपीएस कृष्ण कुमार विश्नोई को पूरे देश में जमकर चर्चा हुई। जिस तरह से उन्होंने बतौर एसपी फ्रंट पर उतरकर दंगाईयों से सीधा मोर्चा लिया। युवाओं को समझाइस भी दी। महज कुछ घंटे के अंदर शहर को शांत कर रक्षक बनकर उभरे। अब एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई का एक वीडियो और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यहां सड़क हादसे में एक बुजुर्ग घायल हो जाता है। तभी बहजोई मार्ग पर हादसे के दौरान काफिला रुकवाकर उन्होंने बुजुर्ग को अपने वाहन से अस्पताल भिजवाया। एसपी की इस संवेदनशीलता की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।
क्या है पूरा मामला
संभल के बहजोई मार्ग पर भवन चौराहे के पास एक मोटरसाइकिल और कार की टक्कर हो गई थी। हादसे में एक बुजुर्ग व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनके माथे से लगातार खून बह रहा था। इसी बीच घटनास्थल से गुजर रहे एसपी विश्नोई ने अपने काफिले को रुकवाया। एसपी तुरंत घायल के पास पहुंचे और उनका हालचाल जाना। इसके बाद उन्हें अपने वाहन से अस्पताल भिजवाया। यह देखकर आसपास अन्य लोगों की भीड़ लग गई। एसपी की इस पहल की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।
दिलेर अफसर के बारे में कमेंट
सोशल मीडिया पर जैसे ही एसपी की तस्वीर बतौर डॉक्टर के तौर पर वायरल हुई तो लोग भावुक हो गए और दिलेर अफसर के बारे में कमेंट लिख रहे हैं। वहीं स्थानीय लोगों ने कहा, आज के दौर में जहां लोग मदद के लिए रुकते नहीं वहीं एसपी ने खुद मिसाल पेश की। अस्पताल में बुजुर्ग का उपचार किया गया। स्थानीय लोग कहते हैं कि जब से कृष्ण कुमार विश्नोई संभल के एसपी बने तब से शहर में अपराध का ग्राफ गिरा है। एसपी खुद जनता से सीधे मिलते हैं और उनकी समस्याओं का निराकरण करते हैं।
हिंसा के बाद संभाला मोर्चा
बता दें, 4 नवंबर की सुबह जामा मस्जिद का सर्वे होने के दौरान उपद्रव हो गया था। उपद्रवियों ने पुलिस पर फायरिंग के साथ पथराव किया। तब संभल एसपी खुद मोर्चा संभाला। हिंसा कर रहे युवाओं को माइक के जरिए कहा कि, नेताओं के कहने पर मत पड़िए। आपकी जिंदगी खराब हो जाएगी। आप घरों पर जाएं। एसपी का ये वीडियो काफी वारयरल हुआ था। इसके बाद एसपी ने संभल को महज कुछ घंटे के अंदर शांत करवा लिया था। प्रशासन के प्रयास से बाजार पूरी तरह खुला तो देहात क्षेत्र के लोग भी खरीदारी के लिए पहुंचे। अब कारोबारी भी उम्मीद लगा रहे हैं कि अच्छा कारोबार होगा।
संभल पूरी तरह से शांत
संभल में 24 नवंबर को हुए बवाल के बाद से एहतियाती तौर पर अभी भी चौकसी बरती जा रही है। पुलिस के साथ पीएसी, आरआरएफ और आरएएफ तैनात है। पुलिस की हर गतिविधि पर नजर है। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि शहर में माहौल शांतिपूर्ण है। शांति बहाली के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा प्रयास किए गए थे। अब बाजार पूरी खुल रहा है। जामा मस्जिद पर सुरक्षा तो 19 नवंबर को दावा दाखिल होने के बाद ही बढ़ा दी गई थी लेकिन 24 नवंबर को बवाल होने के बाद सुरक्षा पुख्ता कर दी गई है। दो रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। जहां पैदल ही जाया जा सकता है।
कौन हैं आईपीएस केके बिश्नोई
आईपीएस केके बिश्नोई राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं। अपने 6 भाई-बहनों में सबसे छोटे कृष्ण की शुरुआती पढ़ाई गांव के ही प्राइमरी स्कूल में हुई है। वह बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे। दिल्ली से स्नातक की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने फ्रांस में स्टडी के लिए स्कॉलरशिप का फॉर्म भरा। जिसके बाद किस्मत ने भी उनका साथ दिया और वह सेलेक्ट हो गए. फ्रांस सरकार की ओर से उन्हें पढ़ाई के लिए 40 लाख रुपये की स्कॉलरशिप मिली। जिसके बाद साल 2015 में उन्होंने पेरिस स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स से अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा में मास्टर डिग्री ली।
लाखों का पैकेज छोड़ लौट आए भारत
पढ़ाई के बाद उन्हें यूनाइटेड नेशन के ट्रेड सेंटर में 30 लाख रुपये सालाना पैकेज वाली नौकरी मिल गई। हालांकि वहां उन्होंने करीब 1 साल ही काम किया और नौकरी छोड़कर वापस भारत आ गए। यहां उन्होंने जेएनयू से एमफिल किया और विदेश मंत्रालय में नौकरी करने लगे। इसी बीच उनके अंदर आईपीएस अधिकारी बनने की इच्छा जागी। फिर क्या, उन्होंने बिना कोचिंग सेल्फ स्टडी से यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। महज 24 साल की उम्र में उन्होंने यूपीएससी क्रैक कर ही लिया और आईपीएस बन गए। कृष्ण कुमार बिश्नोई 2018 बैच के अफसर हैं।
इन अपराधियों पर कसा शिकंजा
आईपीएस कृष्ण कुमार बिश्नोई की गिनती उत्तर प्रदेश के सबसे दबंग आईपीएस अधिकारियों में होती है। उन्होंने अपनी मेरठ पोस्टिंग के दौरान यूपी के खूंखार अपराधियों में शामिल बदन सिंह बद्दो की कोठी बुलडोजर से ढहा दी थी, जिसपर 5 लाख रुपये का इनाम था। इतना ही नहीं, अपनी मुजफ्फरनजर पोस्टिंग के दौरान उन्होंने कुख्यात अपराधी सुशील मूंछ को भी गिरफ्तार कर जेल में डाला था। जब बतौर सिटी एसपी उनकी पोस्टिंग गोरखपुर में हुई तो उन्होंने माफियाओं की 800 करोड़ से भी अधिक की संपत्ति जब्त की थी।