Sambhal illegal construction: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 46 साल बाद खुले मंदिर के पास स्थित एक घर के अवैध हिस्से को तोड़ने का काम शुरू हो गया है। मकान मालिक मतीन अहमद ने खुद इस काम की शुरुआत की और मजदूरों को लगाकर अवैध निर्माण को तोड़वाने का निर्णय लिया। इस निर्माण के दौरान किसी प्रकार का प्रशासनिक हस्तक्षेप नहीं हुआ है, और मतीन अहमद ने इसे अपनी इच्छा से कराने का दावा किया है। इस कार्य के चलते मंदिर के पास स्थित अवैध हिस्से की ग्रिल को हथौड़े से तोड़ा जा रहा है, जबकि मंदिर की संरचना को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए तिरपाल भी लगाया गया है।
मंदिर से सटे मकान में अवैध निर्माण हटाने की प्रक्रिया
Sambhal के इस मंदिर के पास मतीन अहमद के घर का एक हिस्सा अवैध रूप से बना था, जिसे अब हटाया जा रहा है। यह निर्माण कई सालों से विवाद का कारण बना हुआ था, और अब प्रशासनिक दबाव के बावजूद मकान मालिक ने खुद ही इसका निस्तारण किया। मतीन अहमद का कहना है कि उनके पास सभी दस्तावेज़ हैं और यह काम उनकी अपनी मर्जी से हो रहा है।
Sambhal: In Sambhal's Khaggu Sarai area, an illegal roof canopy near a temple was being demolished by the house owner, with workers using hammers. The demolition started after the temple's aarti, following a review of the building's layout by the administration, who had… pic.twitter.com/KG8LCt6Fc5
— IANS (@ians_india) December 17, 2024
उन्होंने बात करते हुए कहा कि वह 2 से ढाई फीट तक अवैध निर्माण को हटवाएंगे। मंदिर से सटे हुए हिस्से को वैध बताया गया है, और उन्होंने यह भी कहा कि ग्रिल, पिलर और बालकनी का आधा हिस्सा टूटेगा, लेकिन खिड़की को प्रभावित नहीं किया जाएगा। अहमद का यह भी कहना था कि परिक्रमा वाला हिस्सा अवैध नहीं है और उसे किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचेगा।
Sambhal प्रशासन, ASI की भूमिका
14 दिसंबर को Sambhal पुलिस और प्रशासन द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया था, जिसमें मंदिर के पास स्थित अवैध निर्माण की जांच की गई। प्रशासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को पत्र भेजकर मंदिर की वैज्ञानिक जांच की मांग की थी, लेकिन अब तक ASI से कोई जवाब नहीं मिला है।
हालांकि, जिला प्रशासन ने इस मामले में कोई बड़ा कदम नहीं उठाया है। सोमवार को मतीन अहमद के मकान की पैमाइश भी की गई थी, और अतिरिक्त एसपी शिरीष चंद ने कहा था कि अगर अवैध निर्माण पाया गया तो उसे हटाया जाएगा। इस तरह की घटनाओं से संभल में अतिक्रमण और अवैध निर्माण को लेकर प्रशासन की सक्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।