लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश की संभाल शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा पर एसआईटी ने एमपी-एमएलए कोर्ट में एक हजार पेज की चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क समेत 23 लोगों को आरोपी बनाया गया है। पुलिस की जांच में पाया गया है कि सपा सांसद का हिंसा भड़काने में अहम रोल रहा है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, कोर्ट के आदेश पर सर्वे टीम शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए गई थी। तभी उपद्रवियों ने सर्वे को लेकर बवाल काटा और पुलिस पर पथराव-फायरिंग की। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए दंगाईयों को खदेड़ा। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए 100 से अधिक आरोपियों को जेल भेजा। साथ ही सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, सपा विधायक के बेटे समेत अन्य को हिंसा का आरोपी बनाते हुए एफआईआर दर्ज की। मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी।
साक्ष्य के आधार पर दाखिल की चार्जशीट
एसआईटी ने जांच के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट में एक हजार पेज की चार्जशीट दाखिल कर दी। सांसद व विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को मुकदमा अपराध संख्या 335/24 में नामजद आरोपी बनाया गया था। अन्य अज्ञात आरोपी शामिल थे। इसी मुकदमें जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट की भूमिका प्रकाश में आने के बाद उनकी भी गिरफ्तारी कर ली थी। अब एसआईटी ने तथ्यों के आधार पर सांसद समेत 23 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
एसआईटी को इन मुकदमों की जांच सौंपी गई
बता दें, 24 नवंबर 2024 को हुए बवाल के बाद संभल कोतवाली और नखासा थाने में 12 मुकदमे दर्ज किए गए थे। इसमें चार हत्या के मामले शामिल थे। एसआईटी को इन मुकदमों की जांच सौंपी गई थी। 10 मुकदमों की चार्जशीट तो एसआईटी द्वारा न्यायालय में दाखिल कर दी गई थी। सांसद और विधायक के बेटे जिस मुकदमे में नामजद आरोपी बनाए गए थे। उसी को इस पूरे बवाल को मुख्य मुकदमा पुलिस द्वारा भी माना जा रहा था।
भड़काऊ भाषण देने का आरोप
जामा मस्जिद के नजदीक हुए बवाल में मुकदमा अपराध संख्या 335/24 में दर्ज एफआईआर के अनुसार सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर बवाल से पहले भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था। जबकि बवाल के दिन विधायक के बेटे सुहेल इकबाल पर भीड़ को उकसाने का आरोप है। बाद में सांसद पर आरोप लगा कि बवाल से पहले ही उन्होंने सर्वे को रोकने और भीड़ एकत्र करने के लिए कहा था। इसी तरह के अन्य कई आरोप सांसद पर लगे हैं।
सपा सांसद ने दिया बयान
एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि एसआईटी ने तथ्यों के आधार पर विवेचना पूरी कर ली है। बुधवार को न्यायालय में विवेचक द्वारा चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। इनसब के जहां पुलिस ने हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता सपा सांसद को बताया था तो वहीं सपा सांसद बर्क ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज किया है। सपा सांसद ने दावा किया था कि वह इस घटना के दौरान संभल में नहीं थे। सपा सांसद ने कहा था कि हिंसा पुलिस के चलते हुई। उन्होंने हिंसा की जांच रिटायर्ड न्यायाधीश से कराए जानें की मांग की थी।
सपा सांसद की गिरफ्तारी पर रोक
सपा सांसद ने अपनी गिरफ्तारी को रोकने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने याचिका दाखिल की। कोर्ट ने सपा सांसद की गिरफ्तारी पर रोक दी थी। इससे पहले संभल हिंसा मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने जामा मस्जिद सदर के एडवोकेट जफर अली को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। इतना ही नहीं उनकी जमानत याचिका पर चंदौसी न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनकी बेल याचिका को निरस्त कर दिया था।