Kasganj News : कोरोना संक्रमण की आशंकाओं के बीच स्वास्थ्य विभाग ने जिले के विभिन्न ऑक्सीजन प्लांटों की मॉकड्रिल कराई, जिसका उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में स्वास्थ्य तंत्र की तैयारी को परखना था। इस मॉकड्रिल में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। गंजडुंडवारा स्थित सीएचसी का ऑक्सीजन प्लांट पूरी तरह से निष्क्रिय मिला, वहीं जिला अस्पताल के प्लांट तो चालू थे, लेकिन जननी सुरक्षा वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई नहीं पाई गई।
गंजडुंडवारा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट है, जो लंबे समय से तकनीकी स्टाफ के अभाव में बंद पड़ा था। मॉकड्रिल के दौरान इसे खोला गया, रास्ते की सफाई कर झाड़ियां हटाई गईं। नोडल अधिकारी डॉ. मदन के नेतृत्व में पहुंची टीम ने प्लांट की ऑक्सीजन प्रेशर, पाइपलाइन, आईसीयू में दबाव और शुद्धता आदि की जांच की। डॉ. मदन के अनुसार, कई गंभीर तकनीकी खामियों के चलते प्लांट चालू स्थिति में नहीं पाया गया। इसका मतलब है कि आपातकालीन स्थिति में यह प्लांट किसी प्रकार की सेवा देने में असमर्थ रहेगा।
जिला अस्पताल में तीन प्लांट चालू
जिला अस्पताल में डॉ. एन. एन. चौहान और डब्लूएचओ सलाहकार मेघना ने मॉकड्रिल के तहत तीनों ऑक्सीजन प्लांटों का निरीक्षण किया। रिपोर्ट के अनुसार, सभी प्लांट चालू अवस्था में पाए गए, लेकिन जननी सुरक्षा वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई नहीं मिल सकी।
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इस पर सीएमएस डॉ. संजीव सक्सेना ने कहा कि जल्द ही आपूर्ति व्यवस्था को ठीक कराया जाएगा। जांच टीम ने खाली और भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडरों की स्थिति का भी जायजा लिया। साथ ही, अस्पताल के विभिन्न वार्डों और आईसीयू में ऑक्सीजन पॉइंट्स की उपलब्धता की समीक्षा की गई।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों पर सवाल
मॉकड्रिल से साफ है कि कासगंज जिले की आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह तैयार नहीं हैं।
ऑक्सीजन प्लांटों की नियमित निगरानी, तकनीकी कर्मचारियों की तैनाती और आपदा प्रबंधन की स्पष्ट योजना की आवश्यकता है। यदि जल्द सुधार नहीं किया गया, तो भविष्य में स्वास्थ्य संकट के दौरान स्थिति और अधिक भयावह हो सकती है।