Shahi Idgah, Krishna Janmabhoomi विवाद केस, सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर लगी रोक को अगले आदेश तक आगे बढ़ाया

सुप्रीम कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद में सर्वे पर लगी रोक को अगले आदेश तक बढ़ा दिया है। मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है, जिसने हिंदू पक्ष की 15 याचिकाओं को सुनवाई योग्य करार दिया था। अगली सुनवाई अप्रैल 2025 में होगी।

Shahi Idgah mosque survey case

Shahi Idgah mosque survey case मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल मस्जिद परिसर में कोर्ट की निगरानी में सर्वे कराने पर लगी रोक को बढ़ा दिया है। बुधवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने अगले आदेश तक रोक जारी रखने का फैसला दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई अप्रैल 2025 के पहले सप्ताह में होगी।

मुस्लिम पक्ष ने क्या कहा

यह मामला तब सामने आया जब मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। अगस्त 2024 में आए हाईकोर्ट के फैसले में मुस्लिम पक्ष को झटका लगा था। हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष द्वारा दायर किए गए 15 मुकदमों को सुनवाई के योग्य माना था। मुस्लिम पक्ष ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, यह दावा करते हुए कि हाईकोर्ट का फैसला गलत है और इससे धार्मिक सौहार्द्र बिगड़ सकता है।

क्या है विवाद

शाही ईदगाह मस्जिद मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास स्थित है। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद उसी जगह पर बनी है, जहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इसी दावे के आधार पर 15 मुकदमे दायर किए गए हैं, जिनमें मस्जिद परिसर का सर्वे कराने की मांग की गई है। दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह विवाद ऐतिहासिक है और इसे बार बार उठाने से धार्मिक तनाव बढ़ सकता है।

हाईकोर्ट का फैसला

1 अगस्त 2024 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष की सभी याचिकाओं को वैध मानते हुए सुनवाई योग्य करार दिया था। हाईकोर्ट ने कहा कि यह मामला दोनों पक्षों के दावों की गहराई से जांच करने की मांग करता है। हालांकि, इस फैसले से मुस्लिम पक्ष असंतुष्ट रहा और इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

सर्वे पर रोक जारी

सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल मस्जिद परिसर में सर्वे पर लगी रोक को बरकरार रखा है। इस रोक के तहत कोर्ट ने आदेश दिया है कि मामले की अगली सुनवाई से पहले किसी भी तरह का सर्वे नहीं किया जाएगा।

अगली सुनवाई अप्रैल में

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई को अप्रैल 2025 के पहले सप्ताह तक के लिए टाल दिया है। तब तक दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। यह मामला न केवल कानूनी बल्कि धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी बेहद संवेदनशील है।

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