Shahjahanpur DM Office: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में मंगलवार को एक महिला नवजात शिशु का शव लेकर डीएम दफ्तर पहुंची, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। महिला का आरोप था कि अतिक्रमण हटाने के दौरान टीम में शामिल महिला कांस्टेबल के धक्का देने से वह गिर पड़ी, जिसके चलते उसका गर्भपात हो गया। महिला की इस शिकायत ने माहौल गर्मा दिया और डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी। मृत नवजात के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। हालांकि, शाम तक घटनाक्रम में बड़ा मोड़ आया जब महिला के परिजनों ने अपने आरोपों से पलटते हुए वीडियो बयान जारी कर कहा कि नवजात की मौत अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से जुड़ी नहीं है।
अतिक्रमण हटाने के बाद विवाद ने पकड़ी तूल
घटना Shahjahanpur के कांट क्षेत्र की है, जहां सोमवार को सड़क चौड़ीकरण के लिए प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी। अकर्रा रसूलपुर निवासी रवीना, जो सात महीने की गर्भवती थी, ने आरोप लगाया कि महिला कांस्टेबल के धक्के से वह गिर गई, जिससे गर्भपात हो गया। मंगलवार को रवीना नवजात के शव के साथ डीएम दफ्तर पहुंची और न्याय की गुहार लगाई। शिकायत पर प्रशासन सक्रिय हुआ और बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। हालांकि, पुलिस ने कहा कि कार्रवाई के दौरान कोई धक्कामुक्की नहीं हुई और सबूत के तौर पर वीडियो फुटेज भी मौजूद हैं।
परिजनों का पलटा बयान, सामने आया सच
मंगलवार शाम को घटनाक्रम में नया मोड़ आया जब रवीना के पति गुड्डू ने वीडियो बयान जारी कर स्वीकार किया कि वह कुछ लोगों के बहकावे में आकर झूठा आरोप लगा बैठे। गुड्डू ने बताया कि नवजात का जन्म मंगलवार को हुआ था और जन्म के बाद उसकी स्वाभाविक मृत्यु हो गई थी। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से बच्चे की मौत का कोई संबंध नहीं है।
साजिश के तार तक पहुंची जांच
गुड्डू के बयान में एक व्यक्ति मच्छंदर का नाम सामने आया, जिस पर आरोप है कि उसने परिवार को प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए भड़काया था। मच्छंदर ने कहा था कि अगर गर्भपात की झूठी कहानी बनाई जाए तो कब्जा हटाने की कार्रवाई रुक सकती है। वहीं Shahjahanpur के एसपी राजेश द्विवेदी ने कहा कि मामले की सच्चाई सामने आ चुकी है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से अंतिम पुष्टि होगी।
प्रशासन की सक्रियता से खुली पोल
मामले ने पूरे Shahjahanpur क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया था, लेकिन प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और वीडियो सबूतों के कारण सच्चाई उजागर हो गई। अधिकारियों का कहना है कि मृत नवजात की आड़ में प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश की गई थी, हालांकि सच्चाई सामने आने के बाद आरोप लगाने वाले खुद कटघरे में हैं।