भारत की ताकत का एहसास: शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे पर एयरफोर्स की नाइट लैंडिंग तैयारी

भारत-पाक तनाव के बीच शाहजहांपुर के गंगा एक्सप्रेसवे पर इंडियन एयरफोर्स ने पहली बार दिन और रात दोनों में लड़ाकू विमानों की लैंडिंग कर दमखम दिखाया। यह एक्सप्रेसवे अब सैन्य दृष्टि से बेहद रणनीतिक रूप से अहम बन गया है।

Shahjahanpur

Shahjahanpur Airstrip: भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच, उत्तर प्रदेश के Shahjahanpur स्थित गंगा एक्सप्रेसवे पर इंडियन एयर फोर्स ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। इस एक्सप्रेसवे की 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी पर अब लड़ाकू विमानों की लैंडिंग और टेक-ऑफ की प्रैक्टिस हो रही है। यह भारत का पहला एक्सप्रेसवे बन गया है, जहां न केवल दिन, बल्कि रात में भी लड़ाकू विमान लैंडिंग की क्षमता होगी।

शाहजहांपुर की स्ट्रैटिजिक अहमियत

Shahjahanpur, जो नेपाल की सीमा से करीब स्थित है, को रक्षा दृष्टिकोण से एक अहम स्थान माना जाता है। यहां की हवाई पट्टी का निर्माण केवल स्थानीय सुविधाओं के लिए नहीं, बल्कि सैन्य उद्देश्यों के लिए भी किया गया है। यह क्षेत्र चीन से जुड़ी नेपाल सीमा के पास होने के कारण, युद्ध या आपातकालीन स्थिति में बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।

गंगा एक्सप्रेसवे पर लड़ाकू विमानों की लैंडिंग

गंगा एक्सप्रेसवे पर पिछले हफ्ते एयरफोर्स ने राफेल, सुखोई-30, मिराज-2000, जगुआर जैसे विमानों के साथ लैंडिंग और टेक-ऑफ का अभ्यास किया। इन विमानों के अलावा, C-130J सुपर हरक्यूलिस, AN-32 ट्रांसपोर्ट विमान और MI-17 हेलिकॉप्टर भी इस अभ्यास में शामिल थे। यह विमानों के एक सामूहिक अभ्यास को दिखाता है, जिसमें केवल लड़ाकू विमान ही नहीं, बल्कि राहत और रेस्क्यू मिशन के लिए महत्वपूर्ण एयरक्राफ्ट भी शामिल हैं।

रणनीतिक बदलाव, नाइट लैंडिंग क्षमता

इस Shahjahanpur हवाई पट्टी पर नाइट लैंडिंग का परीक्षण पहली बार किया गया है, और यह भारत के सैन्य सामर्थ्य को एक नया आयाम प्रदान करता है। यह क्षमता न केवल युद्धकालीन आपात स्थिति में बल्कि किसी प्राकृतिक आपदा या राहत कार्यों के दौरान भी सहायक साबित होगी। अब भारत के पास ऐसी एक्सप्रेसवे सुविधाएं हैं, जो किसी भी संकट के समय लड़ाकू विमानों के लिए अतिरिक्त लैंडिंग स्थान प्रदान करती हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाते कदम

भारत सरकार ने पहले ही गृहमंत्री अमित शाह के बयान के माध्यम से पाकिस्तान से कड़े संदेश दिए थे। इसके बाद एयरफोर्स, नौसेना और थलसेना ने भी अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। गंगा एक्सप्रेसवे पर चल रहे इस अभ्यास से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अपने सैन्य तंत्र को किसी भी संभावित संघर्ष के लिए तैयार कर रहा है।

इस सैन्य रणनीति के तहत, गंगा एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी न केवल युद्ध की तैयारियों का हिस्सा है, बल्कि यह देश की सुरक्षा के एक अहम रणनीतिक बिंदु के रूप में उभरी है।

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