Train Accident:शॉर्टकट बना जानलेवा गरीब रथ एक्सप्रेस की चपेट में आया परिवार, पति, पत्नी, मासूम बच्चों समेत पांच की मौत

शाहजहांपुर में अवैध रेलवे क्रॉसिंग से बाइक निकालते समय गरीब रथ एक्सप्रेस की चपेट में आकर दंपती, उनके दो मासूम बच्चों और एक रिश्तेदार की दर्दनाक मौत हो गई। हादसा शॉर्टकट लेने से हुआ।

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Shahjahanpur Train Accident: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले से एक बेहद दर्दनाक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। यहां ट्रेन से कटकर एक ही परिवार के पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में पति-पत्नी, उनके दो छोटे बच्चे और एक रिश्तेदार शामिल हैं। यह हादसा रोजा थाना क्षेत्र के पास रेलवे ट्रैक पर हुआ, जहां अमृतसर से सहरसा जा रही गरीब रथ एक्सप्रेस ने बाइक को टक्कर मार दी।

जानकारी के अनुसार, सभी पांच लोग एक ही बाइक पर सवार थे और रेलवे क्रॉसिंग पार कर रहे थे। जैसे ही बाइक पटरी पर पहुंची, तेज रफ्तार ट्रेन आ गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक के परखचे उड़ गए और सभी लोग पटरी पर गिरकर बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गए। मौके पर ही सभी की दर्दनाक मौत हो गई।

बाजार से लौटते समय हुआ हादसा

पुलिस के मुताबिक, मृतक रोजा के बाजार से खरीदारी कर अपने घर निगोही थाना क्षेत्र के विक्रमपुर लौट रहे थे। बाइक चला रहे हरिओम ने समय बचाने के लिए ओवरब्रिज की बजाय रेलवे पटरी से शॉर्टकट लेने का फैसला किया। लेकिन यही फैसला पूरे परिवार के लिए जानलेवा साबित हो गया।

जिस जगह से बाइक पटरी पर चढ़ाई गई, वह कोई अधिकृत रेलवे क्रॉसिंग नहीं थी। वहां न तो फाटक था, न चेतावनी संकेत और न ही कोई सुरक्षा कर्मी मौजूद था। ट्रेन रोजा स्टेशन पर नहीं रुकती है, इसलिए उसकी रफ्तार काफी तेज थी, जिससे किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला।

‘मौत की क्रॉसिंग’ बन चुका है यह रास्ता

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। इस अवैध रेलवे क्रॉसिंग पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद न तो रेलवे प्रशासन ने इस रास्ते को बंद किया और न ही कोई स्थायी सुरक्षा व्यवस्था की। यहां न फाटक है, न अंडरपास और न ही ओवरब्रिज की उचित व्यवस्था, जिससे लोग मजबूरी या जल्दबाजी में जान जोखिम में डालते हैं।

पुलिस और रेलवे की कार्रवाई

हादसे की सूचना मिलते ही शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी, अपर पुलिस अधीक्षक और भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। जीआरपी और आरपीएफ ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और कानूनी प्रक्रिया शुरू की। शवों की हालत इतनी खराब थी कि पहचान करना भी मुश्किल हो गया।

मृतकों की पहचान हरिओम (40) निवासी लखीमपुर खीरी, सेठपाल (38) निवासी विक्रमपुर निगोही, पूजा (30), उनके बेटे सूर्या (5) और बेटी निधि (4) के रूप में हुई है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और परिजनों को हर संभव मदद दी जा रही है।

एक दर्दनाक लेकिन जरूरी सबक

यह हादसा सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक कड़ी चेतावनी भी है। कुछ मिनट बचाने के चक्कर में नियम तोड़ना और शॉर्टकट अपनाना कितनी बड़ी कीमत वसूल सकता है, यह घटना साफ दिखाती है। रेलवे पटरी कोई सड़क नहीं है, और थोड़ी सी लापरवाही पूरे परिवार को खत्म कर सकती है।

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