Noida: टैक्स चोरी के लिए कुख्यात शिखर पान मसाला पर एसजीएसटी (स्टेट गुड़स एंड सर्विस टैक्स) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. एसजीएसटी टीम ने खुफिया सूचना पर बाराबंकी और कानपुर में पान मसाला के चार ट्रकों को बिना बिल पकड़ा था, पाना मसाला कपंनी ने करीब दो करोड़ 73 लाख रुपये का जुर्माना अदा करके भले ही फिलहाल अपनी जान बचा ली है, लेकिन शिखर पान मसाला कंपनी के खिलाफ जांच अभी पूरी नहीं हुई है. राज्य कर प्रमुख सचिव एम देवराज ने स्पष्ट कर दिया है कि जांच अभी जारी है. कंपनी के पिछले रिकार्ड खंगाले जा रहा हैं, देश भर में शिखर पान मसाला द्वारा अभी भारी स्तर पर टैक्स चोरी की आशंका है.
NEWS1India की खबर का बड़ा असर
शिखर पान मसाला के यहां टैक्स चोरी की सूचना के बाद एसजीएसटी की टीमों ने बाराबंकी और कानपुर में (Noida) छापा मारकर चार ट्रक पकड़े थे. कानपुर में डीएम के निर्देश पर आर्यनगर, किदवई नगर और ट्रांसपोर्ट नगर में करीब छह जगहों पर छापा मारा और तीन ट्रक पकड़े. बाराबंकी में एसडीएम के निर्देश पर एक ट्रक पकड़ा गया. इन ट्रकों में शिखर पान मसाला के पैकेट थे. पूछताछ करने पर कंपनी के लोग अधिकारियों को बिल नहीं दिखा पाए. जिसके बाद इन ट्रकों को विभाग ने जब्त कर लिया था. एसजीएसटी ने कंपनी के ऊपर दो करोड 73 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. NEWS1India ने छापे की खबर को प्रमुखता से दिखाया था.
विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से हो रही थी टैक्स चोरी
शिखर पान मसाला के देश भर में कई प्रतिष्ठान हैं. अकेले कानपुर और बाराबंकी में ही करोड़ों की हेराफेरी पकड़ी गई है. अब तक जो टैक्स चोरी हुई है उसके पीछे एसजीएसटी के अधिकारियों की मिली भगत सामने आ रही है. यही कारण है कि कार्रवाई के दौरान (Noida) स्थानीय विभागीय अधिकारियों को इससे दूर रखा गया. राज्य कार विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज ने भी इसकी आशंका जताते हुए कार्रवाई की बात कही है. प्रमुख सचिव ने कहा है….टैक्स चोरी के सभी मामलों में जांच जारी है. अगर किसी विभागीय अधिकारी की मिली भगत सामने आती है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
पहले भी हो चुकी है टैक्स चोरी पर कार्रवाई
तीन साल पहले अहमदाबाद जोन की जीएसटी काउंसिल टीम ने (Noida) कानपुर में छापा मारकर शिखर पान मसाला वालों के यहां से 150 करोड़ रुपये कैश जमा किया था. 10 जनवरी 2022 को टीम ने कानपुर में शिखर पान मसाला का कारोबार संभालने वाले अनिल अग्रवाल और पवन मित्तल के यहां छापेमारी करके उन्हें साथ ले गई थी. तीन साल बाद हुई इस कार्रवाई के बाद शिखर पान मसाला वालों के यहां टैक्स चोरी का यह मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है. अगर इस मामले में सही तरीके से जांच हो गई तो टैक्स चोरी का यह मामला और अधिक बड़ा हो सकता है.