लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा के लिए 20 नवंबर को वोटिंग हो गई। मतदान के वक्त कई ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिनको लेकर समाजवादी पार्टी पुलिस-प्रशासन पर हमलावर रही। खुद अखिलेश यादव ने चुनाव में लगे 10 से अधिकारियों के नाम पोस्ट कर उन्हें बेइमान बताया। इन्हीं मे से एक एसएचओ अजय शर्मा हैं, जिनकी पिस्टल लहराते हुए फोटो सामने आई। सपा प्रमुख ने तत्काल प्रभाव से एसएचओ को सस्पेंड किए जाने की मांग की। पर पुलिस की तरफ से जो एफआईआर दर्ज करवाई गई है, उससे पूरे घटनाक्रम का सच अब सामने आ गया है।
और महिलाओं में नोंक झोंक
मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट पर हुए उपचुनाव में जबरदस्त बवाल हुआ। विधानसभा क्षेत्र के गांव ककरोली में हंगामा कर रहे लोगों पर पुलिस ने हल्का लाठी चार्ज कर उन्हें तितर-बितर कर दिया था। तभी गांव में भोला चाय वाले की दुकान के सामने गली में वोट डालने जा रही महिलाओं और पुलिस के बीच तीखी बहस हुई। महिलाएं हाथ में वोटर पर्ची लिए मतदान करने के लिए निकली तो दूसरी ओर उनके सामने पुलिस फोर्स के साथ ककरौली थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव शर्मा हाथ में पिस्टल लिए खड़े थे। इस दौरान थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव शर्मा और महिलाओं में नोंक झोंक हुई। इस दौरान एसएचओ पिस्टल को लहराते हुए आगे बड़े और महिलाओं को घर के अंदर जाने को कहा।
अखिलेश यादव ने की सस्पेंड किए जाने की मांग
किसी ने पूरे प्रकरण का वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। फिर क्या था समाजवादी पार्टी के नेता एक्शन में आ गए और एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। अखिलेश यादव ने बकाएदा एक सूची सोशल मीडिया पर वायरल की। सूची में एसएचओ का भी नाम था। अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से मांग की एसएचओ को तत्काल प्रभार से सस्पेंड किया जाए। एसएचओ पर एफआईआर दर्ज हो। मीरापुर से सपा प्रत्याशी भी एसएचओ के खिलाफ सड़क पर उतरे और कार्रवाई की मांग जिला निर्वाचन अधिकारी से की।
दारोगा ने दर्ज करवाई एफआईआर
पूरी घटना के बाद थाना काकरोली में तैनात सब इंस्पेक्टर केप्रसाद ने मामले में सपा और एआईएमआईएम समर्थकों पर पुलिस पर जानलेवा हमला करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि वह पुलिस फोर्स के साथ गश्त पर थे। इस दौरान उन्हें गांव ककरोली में हंगामा की सूचना मिली। गांव में बस स्टैंड के समीप भोला चाय वाले की गली के सामने पहुंचे तो। समाजवादी पार्टी और एआईएमआईएम समर्थक आपस में झगड़ा कर रहे थे। थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव शर्मा फोर्स के साथ लोगों को समझने का प्रयास कर रहे थे।
पुलिस पर किया जानलेवा हमला
सब इंस्पेक्टर केप्रसाद की एफआईआर के अनुसार, एसएचओ ने दोनों पक्ष के लोगों को समझाने का प्रयास किया तो उन्होंने पुलिस पर जानलेवा हमला करते हुए पथराव कर दिया। पुलिस ने बवाल न बड़े इसके लिए दोनों पक्षों को शांत करवाया। दोनों पक्षों को घर के अंदर जाने को कहा। कुछ महिलाएं घर जाने को तैयार नहीं हुई और हंगामा करने लगी। किसी तरह से एसएचओ ने उन्हें समझाकर शांत करवाया।
इस वजह से निकाली पिस्टल
सब इंस्पेक्टर के प्रसाद की एफआईआर के अनुसार एसएचओ ने महिलाओं पर पिस्टल नहीं तानी। बल्कि कुछ उप्रदवी गली के आगे शोर मचा रहे थे और पत्थरबाजी कर रहे थे। उन्हें रोकने के लिए एसएचओ को अपनी पिस्टल निकालनी पड़ी। पुलिस पर जानलेवा आरोपों में समाजवादी पार्टी पक्ष के शेर अली, शाह आलम, दानिश, मट्टू, गुड्डू, जब्बार, शाहनवाज, शाहवेज,सुल्ताना, अवलीन, तोहिदा,तंजिला, सद्दाम, शादाब औरंगज़ेब आदि 15 लोगों पर एफआईआर की। जबकि दूसरे पक्ष एआईएमआईएम समर्थक अजीम दीनू, गुलशेर, शाह नजर, जावेद प्रवेज़ क़य्यूम, ईनाम, सलमान और सद्दाम पर भी उन्ही धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया।