लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के लखनऊ में आगमन पर उनके सम्मान में लोकभवन में नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे। इस मौके पर दोनों डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक व केशव प्रसाद मौर्य सहित यूपी सरकार के मंत्री व शुभांशु का पूरा परिवार मौजूद रहा। सीएम योगी ने शुभांशु शुक्ला को सम्मानित किया।
लखनऊ प्रवास में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला परिवार के साथ नैमिषारण्य स्टेट गेस्ट हाउस में रुकेंगे। सीएमएस में कार्यक्रम के बाद स्टेट गेस्ट हाउस से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला दोपहर में सीएम योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार भेंट करने उनके सरकारी आवास पांच कालीदास मार्ग गए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। शुभांशु शुक्ला के साथ उनकी पत्नी कामना मिश्रा और पुत्र प्रियांश भी थे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अवसर पर अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को मिशन को सफल पूरा करने पर बधाई दी। उन्होंने शुभांशु शुक्ला के मिशन अंतरिक्ष अभियान को स्वर्णिम काल बताया। सीएम आफिस के आफीशियल एक्स हैंडल पर लिखा गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ में सरकारी आवास पर ऐतिहासिक Axiom4 मिशन के सफलतापूर्वक संचालन एवं अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से कुशल वापसी के बाद देश के सपूत, अंतरिक्ष यात्री एवं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जी ने शिष्टाचार भेंट की।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने मीडिया से बातचीत के दौरान कई राज बताए। उन्होंने कहा कि ये बेहद जटिल और चुनौतीपूर्ण है। वहां की कंडीशन ऐसी नहीं है कि जीवन संभव हो। अंतरिक्ष यात्री वहां जाते हैं तो बेहद नियंत्रित माहौल में रहते हैं। हमारे पीछे एक बड़ी टीम होती है जो लगातार काम कर रही होती है। उन्होंने कहा कि आज के दौर को देखते हुए कहा जा सकता है कि भारत के लिए ये सुनहरा मौका है। हमने अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपनी क्षमताओं का दुनिया के सामने प्रदर्शन किया है। अंतरिक्ष मिशन में दुनिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने ने कहा कि आने वाले 10 वर्षों में भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल करेगा और कई महत्वपूर्ण मिशन का हिस्सा होगा। अंतरिक्ष में बिताए गए पलों के बारे में शुभांशु ने कहा कि एक काफी चुनौतीपूर्ण होता है। शुरू में ज्यादा दिक्कत होती है फिर आपका शरीर वहां के माहौल के अनुकूल हो जाता है। कहा कि अंतरिक्ष यान से भारत को देखना एक भावुक पल होता है कि जहां से आप आए हैं और अब इतनी दूर हैं। भारत बेहद सुंदर दिखता है। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष पर जाने वाले यात्रियों के पीछे एक बड़ी टीम होती है जो लगातार काम कर रही होती है।
सीएमएस स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की पत्नी कामना शुक्ला ने भी बच्चों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि वह कौन सा मौका और समय था, जब उन्होंने शुभांशु को चुना। इसके जवाब में शुभांशु ने अपनी पत्नी कामना को अपनी उपलब्धि का श्रेय दिया। कहा कि वह पहले से ही जान लेती हैं कि आगे क्या होना है। उन दोनों की बातें सुनकर मौजूद लोग ठहाके मारकर हंसने लगे। स्कूल में बच्चों को संबोधित करते हुए शुभांशु ने कहा कि साल 2040 में भारत चंद्रमा पर मानव भेजेगा। इस मिशन के लिए आप लोग भी तैयारी कीजिए।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने बच्चों को नेवर गिवअप का मंत्र दिया। कहा कि कभी भी हार मत मानिए। मैं जब आपकी उम्र का था तो आपसे भी औसत था। आप मुझसे भी बेहतर कर सकते हैं। आप सब लोगों ने दिल्ली से ज़्यादा स्वागत और प्यार दिया। वहीं अंतरिक्ष से लौटने के बाद प्रथम लखनऊ आगमन पर जहां एक तरफ शुभांशु के स्वागत के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। वहीं दूसरी तरफ करीब डेढ़ वर्ष से बेटे का इंतजार कर रही मां से जब बेटा मिला तो उनकी आंखें नम हो गईं। वहीं जल, थल और वायु, तीनों सेनाओं की ड्रेस में बच्चों ने ग्रुप कैप्टन को सलामी दी। इस दौरान भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारों से परिसर गुंजायमान हो उठा।