नहीं पसीजा धरती के भगवान का दिल, इधर-उधर भटकता रहा बेबस पिता, इलाज मांगने पर डॉक्टरों ने पीटकर भगाया

Siddharthnagar Nagar : अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की दबंगिरी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही. बेटी के इलाज के लिए गुहार लगाने आए एक पिता को डॉक्टरों ने बेरहमी से पीटकर भाग जाने को कहा

Siddharthnagar Nagar :  शोहरतगढ़ थाना क्षेत्र के कोटिया बाजार के पास सिंहोरवा गांव के तिर्वा मेडिकल कॉलेज से एक खौफनाक खबर सामने आ रही है. जिस खबर ने सभी को हिला कर रख दिया है. बताया जा रहा है, कि आज सुबह 10:30 बजे एक बड़ा हादसा हो गया। नेपाल के निवासी दुर्गेश और राहुल, मोटरसाइकिल पर कुछ विस्फोटक सामग्री लेकर नेपाल जा रहे थे, जब अचानक विस्फोट हो गया। इस धमाके में दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए।

डॉक्टर दिखा रहे दबंगिरी

अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की दबंगिरी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही. डॉक्टरों की दबंगई के आए दिन नए मामले सामने आ रहे है। बताया जा रहा है, कि  बेटी के इलाज के लिए गुहार लगाने आए एक पिता को डॉक्टरों ने बेरहमी से पीटा और इतना ही नहीं उसे यहां से अस्पताल से भाग जाने को भी कह दिया, धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा, पिता घायल अवस्था में अपनी बच्ची के इलाज के लिए इधर-उधर भटकता रहा पर किसी ने मदद नहीं की.

इलाज जारी 

घटना के तुरंत बाद दोनों को इलाज के लिए शोहरतगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया गया, जहां एक युवक की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। विस्फोट कैसे और क्यों हुआ, इसकी जांच के लिए पुलिस हर एंगल से पड़ताल कर रही है।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है ताकि विस्फोटक के प्रकार और घटना की पूरी जांच की जा सके।

इलाके में फैल गई दहशत

इस हादसे से इलाके में दहशत फैल गई है, और लोग जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर यह विस्फोटक सामग्री क्यों और कहां ले जाई जा रही थी। पुलिस की जांच जारी है, और उम्मीद है कि जल्द ही इस हादसे के पीछे के कारणों का खुलासा होगा।

डॉक्टरों पर कड़ी कार्यवाही

रात में आने वाले अधिकांश मरीजों के साथ डॉक्टरों का ऐसा ही बर्ताव होता है, और उन्हें अस्पताल से झगड़ाकर भगा दिया जाता है।  मामले की जांच के बाद दोषी डॉक्टरों पर कड़ी कार्यवाही करने की बात कही है।

पीड़ित पिता ने बताया कि इलाज के लिए बार-बार विनती करने पर भी डॉक्टरों ने उनकी बच्ची की मदद करने के बजाय उन्हें पिट कर भगा दिया। यह घटना तिर्वा मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

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