सिद्धार्थनगर। जिले में आठ लेखपालों के निलंबन और एक लेखपाल के बर्खास्तगी से नाराज जिले के पांचों तहसीलों के सभी लेखपाल धरने पर बैठे हुए हैं। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के बैनर तले धरनारत लेखपाल बर्खास्त और निलंबित लेखपालों के बहाली के साथ 9 सूत्रीय मांग को पूरा करने की मांग पर अड़े हुए हैं। इस मामले में सक्षम अधिकारियों से उनकी वार्ता भी हुई है लेकिन लिखित आश्वासन न मिलने की वजह से इनका धरना अनवरत जारी है।
कार्यशैली से नाराज़ होकर डीएम ने की थी कार्रवाई
जिले के लेखपालों की कार्यशैली से नाराज जिलाधिकारी ने पिछले दो महीना में लेखपालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की थी।जिलाधिकारी के कार्रवाई से नाराज़ लेखपालो ने 25 से 27 नवम्बर तक ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार किया था। लेकिन जब बात नही बनी तो लेखपालो ने पांचों तहसील मुख्यालयों पर 28,29 और 30 नवम्बर से धरना देना शुरू कर दिया और आज धरने को और बृहद करते हुए सभी लेखपाल कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए।
प्रदेशव्यापी आंदोलन करने की दी चेतावनी
अपने मांगो को लेकर उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के सिद्धार्थनगर जिले के कार्यवाहक अध्यक्ष रणधीर यादव ने बताया कि पिछले कई महीनो से लेखपाल संघ 9 सूत्रीय माँगो को लेकर शासन से पत्राचार कर रहा था इस बीच जिले के 9 लेखपालों के विरुद्ध मनमाना रवैया अपनाते हुए जिला प्रशासन द्वारा निलंबन की कार्रवाई की गई। जिसकी वजह से उन्हें धरना देने के लिए विवश होना पड़ा। अपनी मांगों को लेकर जिले के कार्यवाहक अध्यक्ष रणधीर यादव ने बताया कि भूमिहीन गरीब किसानों के पट्टे की भूमि को लेकर असंक्रमणीय भूमि को संक्रमणीय भूमि घोषित किए जाने का अधिकार उनसे छीन लिया गया है। साथ ही मृत किसानों की विरासत खतौनी में दर्ज कर उनके वारिसान को निशुल्क खतौनी भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। इसके अलावा वर्षों पूर्व मृतक लेखपालों के बकाया का भुगतान भी नहीं कराया जा रहा है इन सब बिंदुओं को लेकर वह धरना दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी माँगे और निलंबित लेखपालो की बहाली अगर नहीं की गई तो यह धरना मंडल स्तर और फिर प्रदेश स्तर पर किया जाएगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी यहां के जिला प्रशासन की होगी।