तस्करों ने नेपाल से सामान लाने का ऐसा तरीका तलाशा कि आप भी हो जाएंगे हैरान

शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र के नगर पंचायत बढ़नी कस्बे से सटा नेपाल का कृष्णानगर इस समय तस्करों का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। नेपाल के कपिलवस्तु जिले का कृष्णानगर के झंडेनगर में बड़े गोदामों से चाइनीज लहसुन ,लोहबान, जड़ी बूटी एवं मटर भारी मात्रा में स्टॉक रहते है।

Siddharthnagar

सद्दाम खान, सिद्धार्थनगर । शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र के नगर पंचायत बढ़नी कस्बे से सटा नेपाल का कृष्णानगर इस समय तस्करों का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। नेपाल के कपिलवस्तु जिले का कृष्णानगर (Siddharthnagar) के झंडेनगर में बड़े गोदामों से चाइनीज लहसुन ,लोहबान, जड़ी बूटी एवं मटर भारी मात्रा में स्टॉक रहते है। जहां से सुबह होते कीमत लगनी शुरू होती है। जहां इन सामानों की सप्लाई करने वाले खरीदार पहुंचते है और इन सामानों की खरीदते है उसके बाद उन सामानों को कैरियर बॉय के माध्यम से ठेकेदारों द्वारा भारत के नजदीकी कस्बे बढ़नी के कल्लनडिहवा,पश्चिम पोखरा,गोला बाजार,चट्टी बाजार एवं भट्टा मोहल्ला इत्यादि जगहों पर बने विभिन्न जगहों के गोदामों पर पहुंचाया जाता है।

तस्करी का माल ऐसे पहुंचता है बाजार तक

बढ़नी नगर पंचायत (Siddharthnagar) के बढ़नी कस्बे का रामलीला मैदान एवं कल्लनडिहवा तस्करों का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। खुलेआम नेपाल के झंडेनगर से तस्करी के समानों के बने गोदाम नेपाल के सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। नेपाल से इन गोदामों के माध्यम से सामानों को लाने वाले कैरियर बॉय बाजार के भीड़भाड़ वाले इलाकों से इन सामानों को निकालने में सुरक्षित महसूस करते है।बाजार के भीड़भाड़ का फायदा उठाकर ये अपना सामान सुरक्षित जगह पहुंचाते है। दिन में भीड़भाड़ बाजार एवं रात्रि ने बॉडर के पकडंडी रास्तों का सहारा लेकर तस्करी के समानो को कैरियर बॉय इधर से उधर करते है।

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हर रोज लगाते हैं बॉर्डर की सुरक्षा में सेंध

इन इलाकों (Siddharthnagar) पर बने गोदामों से फिर इन सामानों को कार,बाइक एवं रेल सेवा के माध्यम से सुरक्षित इटवा, डुमरियागंज,बिस्कोहर एवं बलरामपुर जिले के पचपेड़वा,गैसड़ी एवं गोंडा ,फैजाबाद इत्यादि जगहों पर ग्राहकों को सेट करके ऊंचे दामों पर बिक्री किया जाता है। दोनो देशों के स्थानीय प्रशासन एवं सुरक्षाबलों की तैनाती के बाद भी तस्करों के हौसले बुलंद है,सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रशासनिक सुरक्षा मिलने को लेकर तस्कर विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के लाइन शब्द (कोड वर्ड) से जुड़े रहते है। यह सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।

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