Sisamau seat by-election: नसीम सोलंकी का पोलिटिकल खेल पड़ा महंगा, मंदिर में पूजा पर भाजपा का हमला, मस्जिद से जारी हुआ फतवा

कानपुर की सीसामऊ सीट पर उपचुनाव से पहले सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी का वनखंडेश्वर मंदिर में जलाभिषेक करना विवादों में घिर गया। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इस पर फतवा जारी कर नसीम को शरीयत का उल्लंघन करने का दोषी बताया। भाजपा ने इसे सपा की राजनीति पर हमला करने का मौका बना लिया।

Sisamau

Sisamau seat by-election: कानपुर की सीसामऊ सीट पर हो रहे उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) की उम्मीदवार नसीम सोलंकी का Sisamau के वनखंडेश्वर मंदिर में जलाभिषेक करना एक बड़े विवाद में बदल गया है। दीवाली की रात, नसीम ने मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाकर पूजा अर्चना की, जिससे ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने नसीम के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि इस्लामिक शरीयत में मूर्ति पूजा को हराम माना गया है और नसीम को माफी मांगकर कलमा पढ़ना होगा। इस घटना ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। भाजपा ने इस मुद्दे पर तीखा हमला बोलते हुए सपा की राजनीति पर सवाल उठाए हैं और इसे वोट बैंक की राजनीति का नतीजा बताया है।

भाजपा का पलटवार

Sisamau से सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी के मंदिर जाने की घटना पर भाजपा के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कड़ा बयान सामने आया। उन्होंने इसे सपा की दोहरी राजनीति करार दिया। त्रिपाठी ने कहा, “सपा हमेशा समाज में विभाजन पैदा करने की कोशिश में लगी रहती है, लेकिन अब खुद उसी आग में फंस गई है। जो आग वे दूसरों के लिए लगाते हैं, आज उसका धुआं उनके खुद के घर तक पहुंच चुका है।” उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के कृत्यों से सपा को नुकसान उठाना पड़ेगा और इससे पार्टी की छवि पर भी असर पड़ेगा। त्रिपाठी ने कहा कि कट्टरपंथ से देश का भला नहीं हो सकता, बल्कि ‘सबका साथ-सबका विकास’ से ही देश की प्रगति संभव है।

मौलाना रजवी का फतवा

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने फतवे में स्पष्ट किया कि इस्लामिक शरीयत में मूर्ति पूजा का सख्त विरोध है। उन्होंने कहा, “मुस्लिम महिलाएं यदि जान-बूझकर पूजा-अर्चना करती हैं तो उन्हें शरीयत के मुताबिक सख्त तौबा करनी चाहिए। तौबा तभी स्वीकार होगी जब वे भविष्य में इसे दोबारा न करें।” रजवी ने कहा कि इस्लाम के अनुयायियों को इस्लामिक दायरे में रहकर ही राजनीति करनी चाहिए। उन्होंने नसीम को भविष्य में ऐसी गतिविधियों से बचने की नसीहत दी और कहा कि ईमान और आस्था को सुरक्षित रखते हुए सियासत करें तो बेहतर होगा।

सियासी नफे-नुकसान की बहस

इस मुद्दे पर भाजपा ने सपा की राजनीति पर निशाना साधते हुए इसे जनता को भ्रमित करने की चाल बताया। भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि यह घटनाक्रम सपा की सोच का परिचायक है और इससे उनके कट्टरपंथी वोट बैंक पर असर पड़ सकता है। वहीं, विपक्ष इस मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए है, जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि यह मामला सियासी फायदे-नुकसान के तराजू पर तौला जा रहा है।

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नसीम की सफाई 

नसीम सोलंकी की ओर से अब तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं आया है, लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह कदम स्थानीय वोटरों के विश्वास जीतने के लिए उठाया गया था। हालांकि, अब इस मामले ने धार्मिक और राजनीतिक विवाद का रूप ले लिया है। सपा के रणनीतिकार इस मुद्दे को संभालने में जुटे हुए हैं ताकि चुनावी माहौल में इसका असर कम हो सके।

इस विवाद ने Sisamau की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। जहां एक ओर सपा के लिए चुनौती है कि वह इस मुद्दे को संभाले, वहीं भाजपा और अन्य दल इसे अपने पक्ष में भुनाने में लगे हुए हैं।

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